नई दिल्ली। 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली में चार प्रमुख किसान नेताओं को जान से मारने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। किसान नेताओं ने एक ऐसे शख्स को पकड़ा है जो मीडिया के सामने यह स्वीकार करते दिख रहा हैं कि आगामी 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली में मंच पर बैठे चार प्रमुख किसान नेताओं को जान से मारने की एक योजना का वह हिस्सा था।
#WATCH | Delhi: Farmers at Singhu border present a person who alleges a plot to shoot four farmer leaders and cause disruption; says there were plans to cause disruption during farmers' tractor march on Jan 26. pic.twitter.com/FJzikKw2Va
— ANI (@ANI) January 22, 2021
किसान नेताओं द्वारा जब उस शख्त को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया गया तो वह इस सारी योजना की पर्तें खोलता दिख रहा है।
पकड़े गए शख्स ने दावा किया है कि उसकी टीम के सदस्यों को ट्रैक्टर रैली के दौरान कथित तौर पर पुलिस की वर्दी में भीड़ पर लाठीचार्ज करने की योजना थी और इसके बाद जब वहां अफरा-तफरी मचती तो इसी दौरान मौका पाकर मंच पर भाषण दे रहे चार प्रमुख किसान नेताओं को गोली मारने को कहा गया था।
वीडियों में वह शख्स यह भी स्वीकार कर रहा है कि किन-किन नेताओं को मारना है इस बारे में आरोप यह कह रहा है कि उसको जिन किसान नेताओं को मारना था उनका नाम तो नहीं पता, लेकिन उसके पास उन चारो किसान नेताओं के फोटों हैं जिनको गोली मारना है।
पकड़ा गया शख्स यह भी कहता है कि किसान नेताओं को गोली मारने का जो ट्रेनिंग दे रहा है वह राई थाने का एसएचओ प्रदीप सिंह है। आरोपी ने यह भी कहा, ” हमने उस एसएचओ को कभी थाने के आगे देखा नहीं, क्योंकि जब भी हमसे मिलने आता है अपना चेहरा एक कपड़ से ढंक कर आता है। हमने उस एसएचओ का बैच देखा था उसका चेहरा कभी नहीं देखा। ”
उल्लेखनीय है कि विवादित नये कृषि कानून को रद्द करने की मांग लेकर किसान संगठन 26 जनवरी को दिल्ली के व्यस्त बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली करने वाले हैं। इस रैली को रोकने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने किसानों नेताओं से कई बार बातचीत भी कर चुकी है।लेकिन किसान नेता इस ट्रैक्टर रैली को किसी भी तरह से स्थगित करने या दिल्ली से बार करने पर राजी नहीं हैं।
कानून व्यवस्था को खराब होने का हवाला देकर दिल्ली पुलिस इस टैक्टर रैली को कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर आयोजित करने का सुझाव दिया था, लेकिन किसान का कहना था कि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है यह किसानों का काम नहीं है और जिद पर अड़े किसान नेताओं ने पुलिस के सुझाव को अस्वीकार कर थी।
बता दें कि इस विवादित नये कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसान नेताओं के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन यह वार्ता कुछ परिणाम देने के बाजाय और उलझती जा रही है।
अब किसान नेताओं को जान से मारने की साजिश में किसका हाथ है, यह जांच का विषय है, लेकिन एक बात तो यह निश्चित हैं नये कृषि कानूनों को निरस्त करने को लेकर किसान नेताओं और सरकार के बीच तल्खी अभी और बढ़ने वाली है।