सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे, कानूनों के रद्द होने तक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी: राहुल


कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सरकार जो नये कृषि कानून लाई है वह किसानों की मदद करने के लिए नहीं हैं, ये कानून किसानों को खत्म करने का कानून है। और बीजेपी सरकार जो कुछ किसानों का है वह अंबानी और अडानी को दिलवाने के लिए यह कानून लेकर आई है।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
देश Updated On :

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार को नये तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने ही होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक यह कानून वापस नहीं कर लिया जाता तब तक कांग्रेस आंदोलन करती रहेगी, वह चुप नहीं बैठेगी।

उप राज्यपाल के निवास के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कानूनों को सरकार को वापस लेना पड़ेगा और जब तक ये वापस नहीं लिए जाते, तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसानों की मदद करने के लिए नहीं हैं, बल्कि किसानों को खत्म करने के लिए बनाए गए हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ” आप लोगों को मालूम हैं कि एनडीए ने किसानों की जमीन लेने की कोशिश की थी, उस समय कांग्रेस कमेटी ने उनको रोका। और एक बार फिर बीजेपी जिसके दो तीन उद्योगपित मित्र हैं जिनके के लिए किसानों के आंदोलन को रोक रही है। ”

कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सरकार जो नये कृषि कानून लाई है वह किसानों की मदद करने के लिए नहीं हैं, ये कानून किसानों को खत्म करने का कानून है। और बीजेपी सरकार जो कुछ किसानों का है वह अंबानी और अडानी को दिलवाने के लिए यह कानून लेकर आई है। इसलिए हम सब किसानों के साथ खड़े हैं और किसानों के साथ खड़े रहेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सरकार कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये कानून लाई है। ये कानून किसानों को खत्म करने के लिए हैं। सरकार किसानों की जमीन छीनने का प्रयास कर रही है।’’

विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी और कई अन्य नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस शुक्रवार को ‘किसान अधिकार दिवस’ मना रही है। इसके तहत पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और राज्यपालों एवं उप राज्यपालों को ज्ञापन सौंपेंगे।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार’ हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया है। वहीं में हुए इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान शामिल हुए।