
नई दिल्ली। देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और भाजपा चुनाव लड़ रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव का कोरोना महामारी बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान है।
देश में ऑक्सीजन, दवा, वेंटिलेटर और बेड की कमी से रोज हजारों लोग दम तोड़ रहे हैं। भाजपा-संघ सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है। हद तो यह है कि यूपी जैसे राज्य में जहां कोरोना का कहर चरम पर है वहां सोशल मीडिया पर दवा, ऑक्सीजन या चिकित्सा परामर्श की गुहार लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो रही है।
कांग्रेस कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए हेलो डॉक्टर हेल्पलाइन की शुरुआत की है। आपादकाल में राजनीतिक दल और उससे जुड़े संगठन सहायता समूह बनाकर काम करते रहे हैं लेकिन विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल होने का दावा करने वाली भाजपा और उसके संगठन चुनाव और पार्टी के आंतरिक में व्यस्त हैं।
ऐसे मेें लंबे समय से कोमा में चल रहे भाजपा किसान मोर्चा को कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय संगठन मंत्री के अनुमोदन से ऑक्सीजन मिल गया है। अब देखना यह है कि क्या पिछले कार्यकाल में कोमा में पहुंच गए किसान मोर्चा में कोई सुधार और सक्रियता दिखेगी।
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदधिकारियों की शनिवार को घोषणा कर दी गई। इस नई टीम में सात उपाध्यक्ष, तीन महासचिव ओर सात सचिव नियुक्त किए गए हैं। किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजकुमार चाहर ने एक विज्ञप्ति जारी कर नए राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ताल्लुक रखने वाले मनोज यादव को मोर्चा का राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया है।
शंभु कुमार, अनिल सुखदेवराव बोंडे और बाबूभाई जेबनिया को महासचिव बनाया गया है जबकि प्राण कुमार दास, बंशीलाल गुर्जर, एस सुरेश रेड्डी, एड एस जयसूर्यन, जगन्नाथ ठाकुर, सरबजीत कौर बाथ और मुकेश मान को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री @blsanthosh जी के अनुमोदन से निर्धारित किसान मोर्चा की राष्ट्रीय पदाधिकारीयों की सूची ।
सभी पदाधिकारियों को उनके नए दायित्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।@bjpkm4kisan pic.twitter.com/04faaxdtF5
— MP Rajkumar chahar (@Rajkumarchahar9) May 1, 2021
फिलहाल, भाजपा किसान मोर्चा किसानों नहीं पार्टी हित को ज्यादा तरजीह देता रहा है। ऐसे मेें किसानों के हित में इससे कोई उम्मीद करना बेमानी है।