राज्यसभा में भाजपा सांसद ने उठाई धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने मंगलवार को राज्यसभा में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया और देश में इसकी वर्तमान स्थिति को ‘‘भयावह व चिंताजनक’’ करार देते हुए, इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कानून बनाने की मांग की।


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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने मंगलवार को राज्यसभा में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया और देश में इसकी वर्तमान स्थिति को ‘‘भयावह व चिंताजनक’’ करार देते हुए, इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कानून बनाने की मांग की।

शून्यकाल में उत्तर प्रदेश से भाजपा के सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि विदेशी मिशनरी देश में आदिवासी और गरीब तबके के लोगों के धर्मांतरण के लिए एक ‘‘सोची समझी साजिश’’ के तहत अभियान चला रहे हैं।

धर्मातरण पर महात्मा गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘…मानवता की सेवा की आड़ में धर्म परिवर्तन रुग्ण मानसिकता का परिचायक है। छल प्रपंच और प्रलोभन के जरिए धर्म परिवर्तन एक अपराध है। देश में स्थिति अत्यंत भयावह वह चिंताजनक है। अतः मैं देश की सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सौहार्द, समरसता एकता और सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कठोर, धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि देशभर में अवैध रूप से धर्मांतरण कराने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी मिशनरियों द्वारा देश में आदिवासी और गरीब तबके के लोगों का धर्मांतरण करने का एक सोचा समझा अभियान चलाया जा रहा है।’’

झारखंड का एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस आदिवासी बहुल राज्य में 2001 से 2011 के बीच आदिवासी हिंदुओं की संख्या 30 प्रतिशत घट गई। उन्होंने कहा, ‘‘आखिर यह 30 प्रतिशत आदिवासी कहां गए?’’

उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर सहित देश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। यादव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण कानून बनाने के लिए संसद में पहले भी आवाज उठाई गई थी और 1995 में उच्चतम न्यायालय ने भी उस समय की सरकार को इस सिलसिले में एक समिति बनाने का सुझाव दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अल्पसंख्यक मतों के लालच में कुछ नहीं किया गया। देश में बहुसंख्यक समाज असुरक्षित है।’’

एक रिपोर्ट हवाला देते हुए यादव ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में हरियाणा के मेवात क्षेत्र में 180 से अधिक गांव हिंदू विहीन हो गए हैं और कश्मीर से तीन लाख से अधिक हिंदुओं को प्रताड़ित कर वहां से भगा दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदुओं के पलायन करने का मुद्दा पूरे देश में आज भी चर्चित है।