नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के कई बहुचर्चित मामलों की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अगले वित्त वर्ष के बजट में 835.39 करोड़ रुपए मिले हैं जो 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुरूप दिये गये 835.75 करोड़ रुपए से मामूली सा कम है। सीबीआई ने पिछले साल 67,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए थे।
पिछले साल के बजट में सीबीआई को शुरुआत में 802.19 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में 2020-21 के संशोधित अनुमानों में यह राशि 835.75 करोड़ रुपए कर दी गयी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश बजट के अनुसार एजेंसी को 2021-22 में अपने कार्यों के निष्पादन के लिए 835.39 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह पिछले साल की आवंटित राशि से 36 लाख रुपए कम है। वित्त वर्ष 2019-20 में सीबीआई को 786.08 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
वित्तवर्ष 2019-2020 में सीबीआई को शुरुआत में 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में कम करके 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी।
बजट दस्तावेज में कहा गया, यह प्रावधान केंद्रीय जांच ब्यूरो के अवस्थापना संबंधी खर्च के लिए गए हैं, जो लोक सेवकों, व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और अन्य जघन्य अपराधों की जांच और अभियोजन की जिम्मेदारी निभा रही है।
बजट दस्तावेज के मुताबिक एजेंसी की विभिन्न परियोजाओं जैसे सीबीआई ई-गवर्नेंस, प्रशिक्षण केंद्रों का आधुनिकीकरण, तकनीकी और फॉरेंसिक सहायता इकाइयों की स्थापना, विस्तृत आधुनिकीकरण, भूमि खरीद और कार्यालय या आवास के निर्माण आदि के लिए भी राशि का आवंटन इसमें शामिल है।