BUDGET SESSION: ‘चुनौती कितनी भी बड़ी हो, हम रुकेंगे नहीं, भारत रुकेगा नहीं’-रामनाथ कोविंद


उन्होंने कहा- ‘मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है’।


बबली कुमारी बबली कुमारी
देश Updated On :

नई दिल्ली। बजट से पहले संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण शुरू हो गया है। राष्ट्रपति ने किसानों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे सरकार ने किसानों के लिए काम किया। तीन कृषि कानून पर चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस कानून के जरिए सरकार किसानों को नए अधिकार दे रही है। उन्होंने कहा- ‘मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है’।

कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में बजट सत्र आयोजित किया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा। ‘मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।’

अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।

आगे उन्होंने कहा – ‘मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।’

‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

राष्ट्रपति कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में कहा- ‘चुनौती कितनी भी बड़ी हो, हम रुकेंगे नहीं, भारत रुकेगा नहीं। जब भी भारत एकजुट हुआ है, उसने असंभव लक्ष्यों को भी हासिल किया है।’


‘‘महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के छह सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं’’

उल्लेखनीय है कि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत 20 से अधिक पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।

कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला संयुक्त रूप से किया था। बाद में आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (एस) और बसपा ने भी दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की।