नई दिल्ली। जल-थल अभियानों में मददगार जंगी जहाजों के बेड़े को खरीदने का फैसला 2010 में होने के बाद भी 16,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को पूरा करने में नौसेना के विफल रहने पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने कड़ा ऐतराज किया है। नौसेना ने चार लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक (LPD) खरीदने की योजना बनायी थी जिनका इस्तेमाल सैनिकों तथा टैंकों, हेलीकॉप्टरों एवं अन्य युद्धास्त्रों को समुद्री मार्ग से युद्धक्षेत्र में ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बुधवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कैग ने एलपीडी की कमी से जूझने के बावजूद इस अनुबंध को पूरा नहीं कर पाने को लेकर नौसेना की आलोचना की है। CAG ने कहा, LPD की वर्तमान क्षमता जल-थल अभियानों के लिहाज से अपर्याप्त पायी गयी। भारतीय नौसेना ने इसलिए अक्टूबर, 2010 में 16,000 करोड़ रूपये की कीमत से अहम जंगी जहाज को खरीदने का निर्णय लिया था, लेकिन नौ साल गुजर जाने के बाद भी यह अनुबंध पूरा नहीं किया गया।