कनाडा ने लगाया भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप


पिछले सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह निज्जर की हत्या के पीछे होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। अब ट्रूडो सरकार एक और आरोप भारत पर लगा रही है।


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भारत और कनाडा के बीच बीते साल से ही रिश्ते सही नहीं हैं। इसी बीच एक और विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में कनाडा के संघीय चुनाव 2019 और 2021 में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे आयोग ने कनाडा की सरकार से भारत से संबंधित कई जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है। बुधवार (24 जनवरी) को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए जांच आयोग ने कहा कि उसने कनाडा सरकार के दस्तावेज़ संग्रह विभाग से अनुरोध किया है कि 2019 और 2021 के चुनावों से संबंधित भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराए जाएं।

अंग्रेजी अखबर हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में चुनावों को लेकर विदेशी हस्तक्षेप की जांच की जा रही है। जांच कर रही आयोग को सितंबर 2023 में जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, उन्होंने तब ये स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि वह चीन और रूस के हस्तक्षेप की जांच करेंगे लेकिन अब भारत का नाम भी आ रहा है। बुधवार को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक एक न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग ने भारत की भूमिका पर भी संदेह जताया है।

जांच आयोग ने अनुरोध किया है कि कनाडा सरकार अपनी शर्तों के पैराग्राफ खंड (A)(i)(A) और (A)(i)(B) से संबंधित दस्तावेज़ मुहैया कराए। इसमें 2019 और 2021 के चुनावों में भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप से संबंधित जानकारी और दस्तावेज शामिल हैं।

बता दें कि क्यूबेक न्यायाधीश मैरी-जोसी हॉग इस जांच कमिटी का नेतृत्व कर रही हैं। उन्हें ये जिम्मेदारी 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप का पता लगाने के लिए सौंपी गई है। आयोग का काम है कि वो चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप का पता लगाने, रोकने और उसका मुकाबला करने की संघीय सरकार की क्षमता का आकलन करेगा और फिर जांच फाइनल जांच रिपोर्ट 3 मई को 2024 तक पूरी करेगा। इसके बाद 31 दिसंबर, 2024 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।

पिछले सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह निज्जर की हत्या के पीछे होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। अब ट्रूडो सरकार एक और आरोप भारत पर लगा रही है।