
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के नए मामलों की संख्या 2025 तक 57,131 हो जाने की आशंका है जबकि 2020 में इस तरह के 50,317 मामलों के होने का अनुमान लगाया गया था। एक नयी रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (एनसीडीआईआर), बेंगलुरु ने विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को यह रिपोर्ट जारी की।
आईसीएमआर के एक बयान में कहा गया कि ‘भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के मामले और संबंधित स्वास्थ्य सूचकांक’ रिपोर्ट सभी आठ राज्यों में आबादी पर आधारित कैंसर रजिस्ट्री के द्वारा तैयार की गयी है।
बयान में कहा गया, ‘‘आईसीएमआर-एनसीडीआईआर की रिपोर्ट पूर्वोत्तर क्षेत्र की विविधता और समस्या की गंभीरता को रेखांकित करती है। पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम ने कैंसर का पता लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण गतिविधियों के लिए आईसीएमआर इस क्षेत्र में अनुसंधान कर रहा है।’’
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘रजिस्ट्री से मिले वैज्ञानिक साक्ष्यों के जरिए क्षेत्र में स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना मजबूत की जा रही है और भविष्य में नीतिगत फैसला लेने में इससे मदद मिलेगी।’’
रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों में 13.6 प्रतिशत ग्रास नली के कैंसर और 10.9 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर से प्रभावित हुए जबकि महिलाओं में 14.5 प्रतिशत स्तन कैंसर और 12.2 प्रतिशत गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित हुईं।
मिजोरम के आइजोल जिले में सबसे ज्यादा पुरूषों (एक लाख आबादी में 269.4 व्यक्ति) और अरुणाचल प्रदेश के पापुमपारे जिले में सबसे ज्यादा महिलाएं (एक लाख आबादी में 219.8 महिलाएं) कैंसर से पीड़ित हुई।
बयान में कहा गया कि तंबाकू के कारण 49.3 प्रतिशत पुरूष 22.8 प्रतिशत महिलाएं कैंसर से पीड़ित हुईं। पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में सबसे ज्यादा 64.5 प्रतिशत लोग त्रिपुरा में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं जबकि सिक्किम में सबसे कम 17.9 प्रतिशत लोग तंबाकू लेते हैं।
पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा अरुणाचल प्रदेश में 15 से ज्यादा उम्र के पुरूष (59 प्रतिशत) और महिलाएं (26.3 प्रतिशत) शराब का सेवन करते हैं।