आरबीआई के ऋण स्थगन पर स्पष्टता के अभाव से एनबीएफसी पर नकदी का दबाव: क्रिसिल

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीएफसी को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है,क्योंकि वे ग्राहकों को ऋण की किस्त स्थगित करने की सुविधा दे रहे हैं,जबकि उन्हें बैंकों से यह सुविधा नहीं मिल रही है।

मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के ऋण स्थगन पर स्पष्टता के अभाव और ऋण वापसी के कम
संग्रह के चलते गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को नकदी संबंधी चुनौतियों
का सामना करना पड़ सकता है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक
एनबीएफसी को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे ग्राहकों को ऋण की किस्त स्थगित
करने की सुविधा दे रहे हैं, जबकि उन्हें बैंकों से यह सुविधा
नहीं मिल रही है।

रेटिंग एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमन
ने एक रिपोर्ट में कहा कि नया वित्त पोषण पाने में चुनौतियों,
और लगभग नगण्य संग्रह को देखते हुए, यदि
एनबीएफसी को स्वयं बैंकों से ऋण स्थगन की सुविधा नहीं मिली तो उनमें से कई को नकदी
की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और वे समय पर ऋण दायित्वों को पूरा न कर पाने
के लिए मजबूर हो सकते हैं। 
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी
लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने एक राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत एक अप्रैल 2020
को सभी तरह के बकाया कर्ज पर तीन महीने के लिए ऋण स्थगन की मोहलत शामिल थी। एनबीएफसी ने ऋण स्थगन पर आरबीआई से स्पष्टता और
नकदी सहायता मांगी है।

First Published on: April 10, 2020 3:01 PM
Exit mobile version