CBI का खुलासा-एग्जाम से एक दिन पहले UGC-NET का पेपर हुआ लीक

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि अचानक से यूजीसी-नेट को रद्द करने का फैसला अचानक से नहीं लिया गया था। हमें इस बात के सबूत मिले थे कि क्वेश्चन पेपर डार्कनेट पर लीक हुआ था। उसे टेलीग्राम पर भी शेयर किया जा रहा था।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के जरिए करवाई जाने वाली यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इसे लेकर काफी ज्यादा विवाद खड़ा हुआ है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्हें गृह मंत्रालय के जरिए एग्जाम में गड़बड़ी की जानकारी मिली थी, जिसके बाद पेपर रद्द किया गया। वहीं, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई के हाथ बड़ी जानकारी लगी है। सीबीआई ने अपनी जांच के बाद कहा है कि यूजीसी-नेट का पेपर लीक हुआ था। एग्जाम से पहले पेपर को डार्कनेट पर अपलोड किया गया था।

सरकार ने पेपर रद्द करने के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है। सीबीआई ने जांच के दौरान ये पता लगा रही है कि यूजीसी नेट एग्जाम का पेपर कहां से लीक हुआ। शुरुआती जांच में पता चला है कि क्वेश्चन पेपर सोमवार (17 जून) को लीक हुआ था, जिसके बाद उसे एंक्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाला गया था। पकड़े जाने से बचने के लिए आरोपियों ने लीक क्वेश्चन पेपर को डार्कनेट पर डाला था। सीबीआई केस से जुड़ी डिटेल्स इकट्ठा करने के लिए एनटीए और अन्य एजेंसियों के संपर्क में है।

परीक्षा के एक दिन बाद रद्द हुआ यूजीसी-नेट

दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट एग्जाम को बुधवार (19 जून) को रद्द करने का आदेश दिया। मामले की जांच तुरंत सीबीआई को सौंप दी गई। मंत्रालय को जानकारी मिली थी कि एग्जाम की शुचिता से समझौता किया गया है, जिसके बाद आनन-आनन फानन में इसे रद्द किया गया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि एक दिन पहले यानी मंगलवार (18 जून) को ही छात्रों ने एग्जाम दिया था। पेन और पेपर मोड में आयोजित इस एग्जाम में 9 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था।

यूजीसी-नेट की नई तारीख का जल्द होगा ऐलान: शिक्षा मंत्रालय

वहीं, शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (20 जून) को कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा का आयोजन फिर से किया जाएगा। इसके लिए तारीखों समेत अन्य जरूरी चीजों का ऐलान अलग से किया जाएगा। यूजीसी-नेट एग्जाम के माध्यम से भारतीयों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और देश की यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों में पीएचडी में एडमिशन के लिए एलिजिबिलिटी निर्धारित की जाती है। हर साल लाखों की संख्या में छात्र इस एग्जाम में बैठते हैं।

दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी यूजीसी-नेट रद्द होने के बाद सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि नीट पेपर लीक और यूजीसी-नेट के संबंध में एनटीए के अधिकारियों समेत दोषी पाए जाने वाले हर शख्श के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी बताया कि सरकार अब एनटीए के कामकाज की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की जाएगी। साथ ही कहा कि सरकार बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि अचानक से यूजीसी-नेट को रद्द करने का फैसला अचानक से नहीं लिया गया था। हमें इस बात के सबूत मिले थे कि क्वेश्चन पेपर डार्कनेट पर लीक हुआ था। उसे टेलीग्राम पर भी शेयर किया जा रहा था। इसके बाद ही परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया।

First Published on: June 21, 2024 3:57 PM
Exit mobile version