केंद्र ने 11 अधिवक्ताओं, 2 न्यायिक अधिकारियों को 3 हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट में कहा,अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया जाता है। मैं उन सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने सोमवार को इलाहाबाद, कर्नाटक और मद्रास के उच्च न्यायालयों में अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में 2 न्यायिक अधिकारियों और 11 अधिवक्ताओं की पदोन्नति को अधिसूचित किया। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट में कहा, भारत के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार, निम्नलिखित अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया जाता है। मैं उन सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति- सैयद कमर हसन रिजवी, मनीष कुमार निगम, अनीश कुमार गुप्ता, नंद प्रभा शुक्ला, क्षितिज शैलेंद्र, और विनोद दिवाकर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त करते हैं, वरिष्ठता के क्रम में दो साल की अवधि के लिए, जिस तारीख से वह अपने संबंधित कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करते हैं।

अधिसूचना के अनुसार, अधिवक्ता विजयकुमार अदगौड़ा पाटिल और राजेश राय कलंगला को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी, पिल्लईपक्कम बहुकुटुम्बी बालाजी, कंधासामी कुलंदाइवेलु रामकृष्णन, और न्यायिक अधिकारी रामचंद्र कलामथी और के. गोविंदराजन थिलाकावदी को मद्रास उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

हालांकि, शीर्ष अदालत के समक्ष विक्टोरिया गौरी की पदोन्नति के खिलाफ एक याचिका आई है।

First Published on: February 6, 2023 10:23 PM
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