नई दिल्ली। नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत एक महीने से अधिक समय पहले इस परियोजना की आधारिशला रखी थी। नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा। साल 2022 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इसके तैयार होने की उम्मीद है। सरकार साल 2022 का मानसून सत्र नए भवन में आहूत करना चाहती है।
भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत किया जा रहा है। इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस सप्ताह की शुरुआत में 14 सदस्यीय धरोहर समिति ने नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी थी। इसके अलावा उसने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को भी हरी झंडी दी थी।
बता दें कि निर्माण कार्य पहले शुरू नहीं हो सका था, क्योंकि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। कोर्ट ने 7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखने की अनुमति दी थी, लेकिन साथ में फैसला आने तक निर्माण न करने का आदेश दिया था। सरकार ने भी आश्वासन दिया था सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर लंबित याचिकओं का फैसला करने तक कोई निर्माण या विध्वंस कार्य शुरू नहीं होगा।
कोर्ट ने पांच जनवरी को इस परियोजना को हरी झंडी दे दी थी और हेरिटेज कमिटी से मंजूरी लेने को कहा था। इस सप्ताह की शुरुआत में, 14-सदस्यीय हेरिटेज पैनल ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने में 35 दिन की देरी के बावजूद उसे विश्वास है कि तय समय पर इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। उपाध्यक्ष तथा वाणिज्यिक इकाई के प्रमुख संदीप नवलखे ने कहा, हम कुशल कार्यबल तथा परियोजना का खाका तैयार कर पहले ही आगे बढ़ने के लिये तैयार थे।
नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के सामने किया जाएगा। पुराने संसद भवन का निर्माण 94 साल पहले लगभग 83 लाख रुपये में किया गया था। नए भवन के निर्माण के बाद पुराने भवन को संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा। नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के कक्ष बड़े होंगे, जिसमें लोकसभा के लिये 888 जबकि राज्यसभा के लिये 384 सीटों की व्यवस्था होगी। संयुक्त सत्र बुलाने के लिये लोकसभा कक्ष में 1,272 सीटों की व्यवस्था होगी।