बंगाल में मतदान के दिन बवाल, पहले बमबाजी और फिर हिंसा 


जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भांगड़ के सतुलिया इलाके में हुई इस झड़प में आईएसएफ और टीएमसी के करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं।


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पश्चिम बंगाल में सातवें चरण के मतदान से पहले शुक्रवार (31 मई 2024) को बड़ी घटना सामने आई है। यहां दक्षिण चौबीस परगना के भांगड़ इलाके में बम फेंके जाने की खबर है। जानकारी के मुताबिक, भांगर में मतदान से पहले शनिवार सुबह भी हिंसा हुई है।

जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भांगड़ के सतुलिया इलाके में हुई इस झड़प में आईएसएफ और टीएमसी के करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। आईएसएफ और सीपीआईएम कार्यकर्ताओं ने इस हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया है।बताया गया है कि मौके पर अभी कई जिंदा बम पड़े हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस बवाल की शुरुआत गुरुवार रात से तब हुई, जब टीएमसी कार्यकर्ता कथित तौर पर चुनाव प्रचार के बाद अपने घर लौट रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान उन पर हमला हुआ। घायलों को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को टीएमसी वर्कर्स ने हमला किया। विवाद यहीं नहीं रुका। शनिवार को वोटिंग के दिन भी दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और झड़प हुई।

जादवपुर पश्चिम बंगाल की सबसे हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट में से एक है। इस सीट से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और पूर्व गृह मंत्री इंद्रजीत गुप्त जैसे कद्दावर वामपंथी नेता सांसद रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल की मौजूदा सीएम और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी इसी सीट से अपना संसदीय करियर शुरू किया था। 1984 के आम चुनाव में ममता ने इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी को हराया था।

यह सीट कभी वामपंथियों का सबसे मजबूत गढ़ था, लेकिन यहां धीरे-धीरे तृणमूल कांग्रेस ने सेंध लगाई। अब यहां बीजेपी अपनी बादशाहत कायम करने को बेताब है। टीएमसी इस सीट पर पिछले तीन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी है। इस बार भी वह जीत को जारी रखना चाहती है, लेकिन राह आसान नहीं है।टीएमसी ने यहां से अभिनेत्री और पार्टी की युवा इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष सायोनी घोष को मैदान में उतारा है, जबकि उनके सामने बीजेपी ने डॉ. अनिर्बान गांगुली को उतारा है। बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव में यहां दूसरे नंबर पर थी।