नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को दोहराया कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने इस बारे में महीनों तक फैसला लटकाए रखने पर सरकार की आलोचना की। कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से पता चला है कि वायरस के नए स्वरूप के लिहाज से बच्चे सबसे कमजोर वर्ग में हैं।
उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब शिक्षा मंत्रालय ने 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षाओं और इसके बाद प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं पर फैसला लेने के लिए रविवार को एक अहम बैठक बुलाई है। ये परीक्षाएं कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्थगित कर दी गई थीं।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, सीबीएसई की 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान इन परीक्षाएं को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं। उनका स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मायने रखता है। उन्होंने पूछा, ‘‘हम सीख क्यों नहीं ले रहे हैं?
Students studying for the CBSE 12th grade examinations have been sharing their concerns about these exams being held during the second wave of Covid – 19 pandemic.
Their health and safety MATTERS.
Why are we not learning our lessons?
Gatherings in closed.. 1/4 pic.twitter.com/eHoS1U29LG— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 23, 2021
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि बंद कमरों में एकत्रित होने से कोरोना फैलेगा और इस लहर ने दिखाया है कि बच्चे नए स्वरूप के लिहाज से कमजोर हैं। कहा, बच्चे घंटों तक सभी तरह के रक्षात्मक उपकरण पहनकर परीक्षाओं में बैठने के भारी दबाव में हैं, ऐसे में एक-एक दिन उन्हें लटकाना असंवेदनशील और अनुचित है।
उन्होंने कहा कि उनमें से कई ऐसे हो सकते हैं जिनके परिवार के सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हों और वे पहले ही तनाव से गुजर रहे हों। प्रियंका ने कहा, ‘‘मुझे ये परीक्षाएं कराने के पीछे की वजह समझ नहीं आ रही, न ही महीनों तक इस फैसले को लटकाने की वजह समझ आ रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है और दोबारा यह कह रही हूं। बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही उनका मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। अब समय आ गया है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था बच्चों की कुशलक्षेम के प्रति संवेदनशीलता दिखाए और इन मुद्दों को गंभीरता से लेना शुरू करे।
