प्रधान न्यायाधीश ने न्यायाधीशों की नियुक्तियों के लिए नामों की सिफारिश का किया अनुरोध


प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई)एन वी रमण ने उच्च न्यायालय में रिक्तियों के मुद्दे को शुक्रवार को रेखांकित किया और सभी 25 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से इन पदों के लिए नाम शीघ्र भेजने का अनुरोध किया…


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नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई)एन वी रमण ने उच्च न्यायालय में रिक्तियों के मुद्दे को शुक्रवार को रेखांकित किया और सभी 25 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से इन पदों के लिए नाम शीघ्र भेजने का अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति रमण ने यहां 39वें मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान यह अनुरोध किया। यह सम्मेलन छह वर्ष बाद हुआ है। इसमें सीजेआई ने बैठक के उद्देश्य की जानकारी दी और कहा कि, ‘‘आज के सम्मेलन का मकसद चर्चा करना और उन समस्याओं की पहचान करना है जो न्याय के प्रशासन को प्रभावित कर रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजे) सम्मेलन में जो प्रस्ताव पारित हुए थे उनके क्रियान्वयन में हुई प्रगति को देखने के अलावा बैठक में न्यायपालिका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी, जिनमें उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्तियों से लेकर नेटवर्क को मजबूत करने और देश भर की सभी अदालत परिसरों में संपर्क बढ़ाना शामिल है।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘मैं रिक्तियों का मुद्दा उठाना चाहूंगा। आप याद कर सकते हैं कि मेरी आपसे पहली चर्चा में रिक्तियों को भरने पर बात हुई थी। मैंने आप सभी से पहली ऑनलाइन बातचीत के दौरान अनुरोध किया था कि आप उच्च न्यायालयों में पदस्थापन के लिए नामों की अनुशंसा करने में तेजी लाएं, जिसमें सामाजिक विविधता पर जोर हो….।’’

उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘ मैं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध करता हूं, जहां अभी भी रिक्तियां हैं, कि वे पदस्थापन के लिए शीघ्रता से नाम भेंजे।’’

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘ हमारे सम्मिलित प्रयासों से हम एक वर्ष से कम वक्त में विभिन्न उच्च न्यायालयों में 126 रिक्तियों को भर सके। हमें 50 और नियुक्तियां होने की उम्मीद है। ये उपलब्धि आपके पूरे सहयोग और संस्था के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ही हासिल हुई है।

इस सम्मेलन में भारत भर में न्यायालय परिसरों में आईटी बुनियादी ढांचे और संपर्क को मजबूत करने के मुद्दे पर चर्चा होगी। बैठक में मानव संसाधन, कार्मिक नीति और जिला अदालतों की जरूरतों के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी। इसमें शीर्ष अदालत के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर भाग ले रहे हैं।