कॉलमिस्ट तहसीन पूनावाला ने CJI को लिखा पत्र, इंटरनेट पाबंदी के मुद्दे पर संज्ञान लेने का किया अनुरोध

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नई दिल्ली। राजनीतिक कार्यकर्ता तथा स्तंभ लेखक तहसीन पूनावाला ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखकर इस बात पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है कि जब भी प्रदर्शन चल रहे होते हैं तो सरकार द्वारा इंटरनेट पर ‘मनमानी पाबंदी’ लगा दी जाती है।

पूनावाला ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ‘दुनियाभर में लोकतांत्रिक देशों में सबसे अधिक बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाए जाने का शर्मनाक रिकॉर्ड’ भारत के नाम हो गया है।

उन्होंने लिखा, आदरणीय प्रधान न्यायाधीश, बेहद चिंता के साथ आपको पत्र लिखकर प्रदर्शनों के दौरान सरकार द्वारा इंटरनेट पर मनमानी पाबंदी लगाए जाने के मुद्दे पर संज्ञान लेने की गुहार लगा रहा हूं।

पूनावाला ने शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा, आप इस बात से सहमत होंगे कि आज इंटरनेट हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। मेडिकल रिकॉर्ड से लेकर दैनिक आजीविका तक के मामलों में इंटरनेट आजकल मानव जीवन में मजबूती से अंतर्निहित है।

उन्होंने कहा कि ‘मौजूदा सरकार और उसके समर्थक असहमति जताने वाले अधिकतर लोगों पर हमलावर होते हुए उन्हें राष्ट्रविरोधी, आतकंवादी कह देते हैं और खुलकर बोलने नहीं देते जबकि वे खुद घृणास्पद और भड़काऊ भाषण देते रहते हैं।