लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा कि तवांग में भारतीय सेना ने जिस मुस्तैदी के साथ चीनी घुस्पेठी के साथ चीनी सैनिकों को बाहर निकाला वह सराहनीय है। भारतीय सेना ने सिद्ध कर दिया है कि भारतीय सेना राष्ट्रीय सीमा सुरक्षा में पूर्ण रूप से समर्थ है।
हालांकि यह चिंताजनक है कि भारत व चीन के बीच हथियारों के प्रयोग नही करने का समझौता किया गया है। याने चीन घुसपैठियों का मुकाबला भारतीय सेना के जवानों को केवल बाहुबल से करना है। रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह कहते रहते है कि पहले गोली हम नही चलायेंगे परंतु घुसपैठ और सीमा पर कब्जा बढ़ाने वाले ऐसे चीनी प्रयासों को सख्त उत्तर की आवश्यकता है। तथा सेना को घुसपैठियों को मार गिराने की अनुमति होना चाहिए।
चीनी द्वारा डोकलाम में कब्जे के प्रयास के बाद भारत के राजनेता और व्यापारी भाई कहते रहे कि चीनी माल का बहिष्कार करना चाहिए। याने चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करना चाहिए। भारत सरकार भी हमेशा दावा करती रही है कि चीनी माल का आयात कम हुआ है। परंतु इस संबंध में सरकारी आकड़े इससे भिन्न कहानी कहते है। हालही में यह समाचार आये है कि चीन से भारत का आयात बहुत बड़ा है। साढ़े 9 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इन समाचारों का खंडन भी भारत सरकार की ओर से नही हुआ है। पार्टी द्वारा इस पर गंभीर चिंता करती है और भारत सरकार से मांग करती है कि चीन से आयात और निर्यात पर श्वेत पत्र जारी करें।
छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक पारित किया है। ऐसे अवसर कम ही आते है जब सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर एक निर्णय करे । जनतंत्र में जनतंत्र की सबसे बड़ी संस्था विधानसभा, लोकसभा होती है। और सरकार के राज्यपाल या राष्ट्रपति विधायकों के निर्णय क्रियान्वित कराने को स हमती मात्र देते है। यह विचित्र बात है कि छग की राज्यपाल नेअभी तक आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नही किया है। जबकि उनका हस्ताक्षर करने का लोकतांत्रिक व संवैधानिक दायित्व था। इस विधेयक के लागू नहीं होने से बहुत से आदिवासी और अनुसूचित जाति के नवजवानों को लाभ नही मिल पा रहा है। पार्टी महामहिम राज्यपाल महोदय से अपील करती है कि आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करे ताकि आरक्षण का लाभ मिल सके।