5 राज्यों के आंकड़ों में खुशी खोजती कांग्रेस


जयराम रमेश ने कहा, ”यह सच है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक़ नहीं आए हैं। लेकिन वोट शेयर के मामले में कांग्रेस भाजपा से ज़्यादा दूर नहीं है।


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हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। हालांकि दक्षिण के राज्य तेलंगाना ने उसे थोड़ी राहत जरूरी दी। कांग्रेस का कहना है कि वह हार पर आत्ममंथन करेगी। साथ ही पार्टी इस गम में आंकड़ों के सहारे खुशी ढूंढ रही है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए दो ट्वीट किए। माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस की हार से विपक्षी गठबंधन इंडिया में क्षेत्रीय दलों की बारगेनिंग पावर बढ़ेगी। शायद इसी की तरफ इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने वोट शेयर साझा किए।

जयराम रमेश ने कहा, ”यह सच है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक़ नहीं आए हैं। लेकिन वोट शेयर के मामले में कांग्रेस भाजपा से ज़्यादा दूर नहीं है -दरअसल इस अंतर को मिटाया जा सकता है। ये आंकड़े वापसी के लिए आशा और उम्मीद जगाते हैं। जुड़ेगा भारत, जीतेगा INDIA!”

क्या है आंकड़ा?

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटें और कांग्रेस को 66 सीटें जीती है। भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिले हैं। कुल वोट की बात करें तो बीजेपी को 2 करोड़ 11 लाख 16 हजार 197 वोट मिले हैं। कांग्रेस के खाते में एक करोड़ 75 लाख 71 हजार 582 वोट गए। बीजेपी को 48.55 प्रतिशत और कांग्रेस को 40.40 प्रतिशत वोट मिले हैं।

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 72 लाख 34 हजार 968 वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस को 66 लाख 2 हजार 586 वोट मिले हैं। वोट फिसदी की बात की जाए तो बीजेपी को 46.27 फीसदी और कांग्रेस को 42.23 फीसदी वोट मिले हैं। राज्य में 54 सीटें जीतने के साथ ही बीजेपी सरकार गठन करने जा रही है। वहीं कांग्रेस को 35 सीटें और जीजीपी को एक सीट मिली है।

राजस्थान

वहीं राजस्थान में बीजेपी को एक करोड़ 65 लाख 24 हजार 787 वोट मिले हैं। कांग्रेस के खाते में एक करोड़ 56 लाख 64 हजार 947 वोट गए। बीजेपी को 41.69 फीसदी और कांग्रेस को 39.53 फीसदी वोट मिले। बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं पांच साल तक सत्ता में रही कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। भारत आदिवासी पार्टी को तीन, बहुजन समाज पार्टी को दो, आरएलडी को एक, आरएलटीपी को एक और अन्य को आठ सीटें मिली है।

तेलंगाना

तेलंगाना की बात करें तो यहां कांग्रेस को 92 लाख 35 हजार 792 वोट मिले। केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 87 लाख 53 हजार 924 वोट मिले। बीजेपी को यहां 32 लाख 57 हजार 511 वोट मिले। कांग्रेस को 39.40 फीसदी, बीआरएस को 37.35 फीसदी और बीजेपी को 13.90 फीसदी वोट मिले हैं। तेलंगाना की कुल 119 सीटों में 64 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। बीआरएस ने 39, बीजेपी ने आठ और एआईएमआईएम ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है।

मिजोरम

वहीं मिजोरम में जेडपीएम ने सत्तारूढ़ एमएनएफ को करारी शिकस्त दी है। यहां की कुल 40 सीटों में से जेडपीएम ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। एमएनएफ को 9, बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली। जेडपीएम को 2 लाख 65 हजार 755, एमएनएफ को 2 लाख 46 हजार 338 और कांग्रेस को एक लाख 46 हजार 113 और बीजेपी को 35 हजार 524 वोट मिले हैं। वोट शेयर देखें तो जेडपीएम को 37.86 फीसदी, एमएनएफ को 35.10 फीसदी, कांग्रेस को 50.82 फीसदी और बीजेपी को 5.06 फीसदी वोट मिले हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले आए इन नतीजों से बीजेपी गदगद है और लोकसभा चुनाव में हैट्रिक की बात कह रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि ठीक 20 साल पहले भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त हमें सिर्फ़ दिल्ली में जीत मिली थी। लेकिन कुछ ही महीनों में ज़ोरदार ढंग से वापसी करते हुए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई।

जयराम रमेश ने कहा, ”आशा, विश्वास, धैर्य और दृढ़ संकल्प साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी  लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी करेगी। जुड़ेगा भारत, जीतेगा INDIA!”