नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रस्ताव करने के कुछ ही दिन बाद पार्टी शासित राज्य इस उद्देश्य के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की कानूनी टीम ने पिछले हफ्ते इस संबंध में एक कानून का मसौदा तैयार किया था। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘कांग्रेस शासित राज्य, केंद्र के (नये) कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिये जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाएंगे।’’
कांग्रेस शासित राज्यों, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में केंद्र के नये कृषि कानूनों को लागू नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि वे इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिये अपनी राज्य विधानसभाओं में एक नया विधेयक लाएंगे। हाल ही में केंद्र द्वारा बनाये गये तीन नये कृषि कानूनों का कांग्रेस सख्त विरोध कर रही है और वह इन कानूनों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में पार्टी शासित राज्यों को अपनी-अपनी विधानसभाओं में संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत कानून पारित करने की सलाह दी थी। कांग्रेस का दावा है कि अनुच्छेद 254 (2) किसी राज्य विधानसभा को संसद के कानून के प्रतिकूल कानून बनाने की अनुमति देता है, इस प्रावधान का इस्तेमाल भाजपा ने संप्रग सरकार द्वारा बनाये गये भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ किया था। सूत्रों ने बताया कि एक ओर जहां कांग्रेस शासित राज्य इस संबंध में कानून पारित करने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ गैर-राजग शासित राज्यों के भी ऐसा करने की संभावना है क्योंकि वे केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ हैं।