नई दिल्ली। विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही आरंभ होने साथ ही कांग्रेस के सदस्य कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी आसन के समीप देखा गया ।
कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘आपके कार्यास्थगन प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया गया। फिर भी शोर शराबा कर रहे हैं। क्या आप भविष्य वक्ता हैं?’’
बिडला ने कहा, ‘‘मुलायम सिंह यादव साहब, इन लोगों को समझाइए.. आप (विपक्षी सदस्य) बिना विषय के रोज व्यवधान पैदा करते हैं। यह गलत बात है।’’
बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘आपने खुद फैसला किया था कि प्रश्नकाल चलने देंगे। यह सामूहिक फैसला था।’’ इसके बाद उन्होंने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाए।
सदन में शोर-शराबे के बीच करीब आधे घंटे तक प्रश्नकाल चलाने के बाद बिरला ने एक बार फिर विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।
आगे बिडला ने कहा, ‘‘आपको जनता ने चर्चा और संवाद के लिए सदन में भेजा है, लेकिन आप लोग रोज नारेबाजी करते हैं और अमर्यादित व्यवहार करते हैं…ये आपका गलत तरीका है, हमें संसद की मर्यादा रखनी चाहिए।’’
सदन में स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहने पर बिरला ने करीब 11.30 बजे सभा की बैठक दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, सोमवार और मंगलवार को पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।