कोरोना महामारी का कहर जारी, वायरस से देशभर में 414 मौतें, संक्रमितों की संख्या पहुंची 12,380

देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने हालांकि, बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं।

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने हालांकि, बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं।

मंत्रालय ने अपने अद्यतन आंकड़ों में कहा है कि बुधवार शाम से 22 मौतें हुई हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से महाराष्ट्र में नौ, आंध्र प्रदेश में पांच, गुजरात में तीन, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक में एक-एक मौत हुई है। अब तक कुल 414 मौतों में से, सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 पर और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 14-14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पंजाब में 13 मौतें हुई हैं जबकि कर्नाटक में 12 मौतें हुई हैं और उत्तर प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। पश्चिम बंगाल में सात मौतें दर्ज की गई हैं। जम्मू-कश्मीर में चार लोगों की जान चली गई है जबकि केरल, हरियाणा और राजस्थान में तीन-तीन मौतें हुई हैं। झारखंड में दो मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मेघालय, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक मौत हुई है। हालांकि, बुधवार शाम तक विभिन्न राज्यों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के संकलन के आधार पर तैयार की गई पीटीआई की तालिका के मुताबिक, कोविड-19 के कम से कम 12,220 मामले दर्ज किए गए है और 417 मौतें हुई हैं। विभिन्न राज्यों द्वारा घोषित किए गए मौतों की संख्या और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में अंतर रहता है, जो शायद राज्यों के मामलों की संख्या रिपोर्ट करने में प्रक्रियागत देरी के चलते ऐसा होता है।
मंत्रालय के सुबह के अपडेट के अनुसार, देश में सबसे अधिक मामलों की संख्या महाराष्ट्र में है, जहां 2,916 मामले हैं, इसके बाद दिल्ली में 1,578 और तमिलनाडु में 1,242 मामले हैं। राजस्थान में कोविड-19 के मामले 1,023 हो गए हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 987, गुजरात में 766 और उत्तर प्रदेश में 735 मामले हैं। तेलंगाना में 647 मामले, जबकि आंध्र प्रदेश में 525 और केरल में 388 मामले हैं। जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 300 हो गई है, कर्नाटक में 279, पश्चिम बंगाल में 231 और हरियाणा में 205 है। पंजाब में अब तक 186 संक्रमण के मामले सामने आए हैं। बिहार में कोरोना वायरस के 70 मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा में 60 मामले हैं। उत्तराखंड में 37 लोग वायरस से संक्रमित हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में 35 मामले हैं। असम और छत्तीसगढ़ में 33-33 मामले दर्ज किए गए हैं। झारखंड में 28 मामले, चंडीगढ़ में 21 मामले और लद्दाख में 17 मामले दर्ज किए गए हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से 11 मामले सामने आए हैं।

मेघालय, गोवा और पुडुचेरी से कोविड-19 के सात-सात मामले सामने आये हैं। मणिपुर और त्रिपुरा में दो-दो मामले हैं, जबकि मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। मंत्रालय की वेबसाइट पर यह भी कहा गया कि नगालैंड के एक कोविड-19 मरीज को असम में स्थानांतरित कर दिया गया है।

भारत को कोरोना वायरस की जांच बढ़ाने की जरूरत है : विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत को वक्त रहते कोरोना वायरस पर लगाम लगानी है तो देशभर में संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 14 अप्रैल तक 2,44,893 नमूनों की जांच की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि ये आंकड़ें 1.3 अरब की आबादी के लिहाज से मामूली हैं और देश में कोविड-19 से लड़ने के लिए ‘‘और अधिक संख्या में जांच’’ करने की आवश्यकता है।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, फरीदाबाद में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रवि शेखर झा ने बताया कि भारत सही दिशा में जा रहा है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारी आबादी के बड़े आकार को देखते हुए जांच की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है और इसे अधिक सख्ती के साथ किया जाना चाहिए। हमें संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों के बारे में प्रभावी रूप से पता लगाने और उनकी जांच करने की आवश्यकता है ताकि वे लोग दूसरों को संक्रमित न कर दें।
’’ मैक्स हेल्थकेयर में ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि भारत काफी जांच कर रहा है लेकिन यह अमेरिका और सिंगापुर तथा अन्य देशों के मुकाबले में पर्याप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘‘देशभर में हमारे सभी कर्मचारियों और मरीजों’’ की कोरोना वायरस की जांच करने का फैसला किया गया है।
सर गंगाराम अस्पताल के प्रख्यात फेफड़ा सर्जन डा. अरविंद कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण है, ‘‘टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट’’ । इसके बाद ‘‘पृथक वास और उपचार।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जांच संख्या को बहुत अधिक बढ़ाने की जरूरत है।’’

मणिपुर में भारत-म्यामां सीमा पर की जा रही तारबंदी

सरकार ने कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए मणिपुर के मोरे कस्बे में भारत-म्यामां अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी शुरू कर दी है। तेंगनोपाल जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कृष्णतोम्बी सिंह ने बताया कि तारबंदी का काम कुछ दिन पहले शुरू हुआ और अभी जारी है। उन्होंने बताया कि भारत की ओर मोरे कस्बे और म्यामां की ओर तामू कस्बे के नानफालांग बाजार के बीच तारबंदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे म्यामां की ओर से कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव पर जिला प्रशासन को नजर रखने में मदद मिलेगी। मणिपुर में अब तक संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं जिनमें से एक व्यक्ति ठीक हो चुका है।

First Published on: April 16, 2020 6:39 PM
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