CORONA NEW VARIANT: कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ कितना खतरनाक है? जानें सब कुछ

Satish Yadav Satish Yadav
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कोरोना के नए वैरिएंट दक्षिण अफ्रिका में पाया गया है जिसको लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का ये वैरियंट डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है। इस नए वैरिएंट की वजह से दक्षिण अफ्रीका में पिछले एक हफ्ते में कोरोना के नए मामलों में लगातार बढोतरी हुई है। आइए समझते हैं, कोरोना का नया वैरिएंट क्या है? नया वैरियंट कितना खतरनाक है? इन सारे सवालों के जवाब।

कोरोना नया वैरिएंट क्या है?
कोरोना के नए वैरियंट को ओमिक्रॉन (B.1.1.529) के नाम से जाना जाता है। डब्ल्यूएचओ ने इस वैरियंट को तकनीकी शब्दावली में ‘चिंता वाला वेरिएंट’ यानी वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न बताते हुए इसका नाम ‘ओमीक्रोन’ दिया है। डब्ल्यूएचओ को इस वेरिएंट के पहले मामले की जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली थी। इसके अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग और इसराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है।

कहां से आया कोरोना का नया वैरियंट ओमिक्रान ?
कोरोना का नया वैरियंट की उत्‍पत्ति को लेकर अभी कुछ भा स्पष्ट नहीं है। हालांकि माना जा रहा कि यह किसी ऐसे शख्स से फैला है, जो एड्स से संक्रमित था। टुलियो डि ओलिवीरा के अनुसार मई, 2020 में दक्षिण अफ्रीका में जो बीटा वैरिएंट मिला था, वह भी एड्स से संक्रमित व्यक्ति से ही फैला था। दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया और उससे लगे इलाकों में सबसे तेजी से इसका प्रसार हुआ था। इसके बाद वैज्ञानिकों ने जिनोमिक सीक्वेंसिंग कर केसेस बढ़ने की वजह पता की तब इस वैरिएंट का पता चला।

क्यों ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है?
नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, ‘बी.1.1.1.529’ वेरिएंट में कई म्युटेशन हैं। कई म्युटेशन इम्यून इवेसन और ट्रांसमिसिबिलिटी के लिए चिंता का विषय हैं। ओमिक्रान स्पाइक प्रोटीन में हाई नंबर्स में म्युटेशन करता है, जो मानव शरीर में कोशिकाओं में वायरस की एंट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ओमिक्रान में कुल मिलाकर 50 म्युटेशन हैं, जिसमें अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्युटेशन शामिल हैं जो कि अधिकांश वर्तमान कोविड टीकों का लक्ष्य है।

ओमिक्रॉन कहां- कहां फैल चुका है ?
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले कोरोना के नए वेरिएंट के मामले अब तक करीब दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों में फैल गए हैं। दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इजराइल, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, जर्मनी, चेक रिपब्लिक, ऑस्ट्रिया डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, फ्रांस देश शामिल हैं, गौरतलब हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने दुनिया के उस हिस्से के लिए अपनी उड़ानें रोक दी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने क्या कहा है?
समाचार एजेंसी पीटाआई की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अभी यह ‘‘स्पष्ट नहीं है’’ कि क्या केाविड-19 का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ , डेल्टा वेरिएंट समेत अन्य की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बीमारी का कारण है।

WHO ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमीक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य वेरिएंट की तुलना में अलग हैं।’’ उसने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लगेगा।

डब्ल्यूएचओ ने रविवार को दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की कि वे ओमीक्रोन को लेकर चिंता के कारण दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाएं। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों का उपयोग करने से बचने के लिए विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “यात्रा प्रतिबंध कोविड-19 के संक्रमण को थोड़ा कम करने में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के जीवन और आजीविका पर बहुत प्रभाव पड़ता है।’’

WHO ने कहा है कि इस वैरिएंट के 100 से भी कम जिनोम सीक्वेंस उपलब्ध हैं। अभी तक हम इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते। हम बस ये जानते हैं कि इस वैरिएंट के बहुत सारे म्यूटेशंस हैं और इसका असर इस बात पर भी पड़ेगा कि वायरस किस तरह से बिहेव करता है। फिलहाल, रिसर्चर्स वैरिएंट और म्यूटेशन को और बेहतर तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं। इसे पूरी तरह समझने में हमें अभी कुछ हफ्तों का समय लगेगा।

भारत की तैयारियां क्या हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बैठक की थी। पीएम की उच्चस्तरीय बैठक के बाद रविवार को गृह सचिव की अध्यक्षता में अर्जेंट बैठक हुई थी। बैठक में तय किया गया देश में महामारी की उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

जिसके बाद केंद्र सरकार ने रविवार को ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों से आने वाले या उन देशों से होकर भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है। साथ ही नए आदेश के बाद तब तक यात्री को हवाई अड्डा छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक नमूने की जांच के नतीजे प्राप्त नहीं हो जाते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में यह जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले लोगों को हवाई अड्डे से जाने की अनुमति रहेगी, हालांकि ऐसे यात्रियों को भी 14 दिन तक स्वयं अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी। मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी की जांच की जाएगी और संबंधित विमानन कंपनी को प्रत्येक उड़ान से आने वाले उन 5 प्रतिशत लोगों की पहचान करनी होगी, जिनका परीक्षण किया जाना चाहिए। हालांकि, इनके नमूने की जांच का खर्च मंत्रालय वहन

कोरोना के नए वैरियंट से बचाव के उपाय
कोरोना के नए वैरियंट से बचाव के उपाय के तरीके में कोई बदलाव नहीं है, हाथ साफ़ रखें, अपने घर के बाहर के लोगों से दूरी बनाए रखें, फेस मास्क का इस्तेमाल करें जहां घर के बाहर के लोगों के संपर्क में आने की कोई भी वजह हो। जैसे कि आप बाज़ार जाएं, या बाहर का कोई व्यक्ति घर में आए।