कोरोना संबंधी राहत कदमों के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च 34.50 लाख रुपये हुआ: वित्त मंत्री


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से संबंधित राहत कदमों के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च 34.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल बजट में 30.42 लाख करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया था।


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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से संबंधित राहत कदमों के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च 34.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल बजट में 30.42 लाख करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया था।

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए उन्होंने अगले वित्त वर्ष में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने लोकसभा में कहा, ‘‘मैंने कोविड-19 के टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं। अगर जरूरत हुई तो आगे भी धन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं। 2021-22 में स्वास्थ्य का बजट 2.23 लाख करोड़ रुपये है और इसमें 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।’’

भारत में गत 16 जनवरी को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी।

सरकार के मुताबिक, सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है।