नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस टीके की लागत सरकार को प्रति खुराक 3-4 डालर (219-292 रुपये) बैठेगा। इस वैक्सीन की भारतीय विनिर्माता सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने यह जानकारी दी।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन विनिर्माता एसआईआई के पास कोरोना वैक्सीन की खुराक के उत्पादन का लाइसेंस है और अबतक वह पांच करोड़ खुराक का उत्पादन भी कर चुकी है।
एसआईआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा कि कंपनी पहले चरण में भारत सरकार और जीएवीआई (वैक्सीन और टीकाकरण के वैश्विक गठजोड़) देशों को कोविशील्ड की बिक्री शुरू करेगी। उसके बाद वैक्सीन की बिक्री निजी बाजार को की जाएगी।
भारतीय औषधि नियामक ने कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। पूनावाला ने कहा, हम चाहते हैं कि सभी को उचित कीमत पर यह वैक्सीन उपलब्ध हो। सरकार को यह टीका काफी कम कीमत 3-4 डॉलर में मिलेगा। वे बड़ी मात्रा में टीका खरीदेंगे।
महामारी की शुरुआत होने पर पूनावाला ने कोरोना वैक्सीन की उम्मीद के बीच बड़ा जोखिम लेते हुए यूरोप और अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पादों को ‘बंद’ कर सीरम की असेंबली लाइन को नए सिरे से तैयार किया। पूनावाला ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर यह वैक्सीन भारत और जीएवीआई देशों को दी जाएगी।
भारत और जीएवीआई देशों की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही निजी बाजार को यह टीका उपलब्ध कराया जाएगा। पूनावाला ने कहा कि निजी बाजार में यह टीका 6-8 डॉलर में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक महीने तक सीरम के बाद इस टीके की 10 करोड़ खुराक होगी।
अप्रैल तक संभवत: यह आंकड़ा दोगुना हो जाएगा। सरकार ने संकेत दिया है कि उसे जुलाई, 2021 तक 30 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। शुरुआत में यह टीका स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों को लगाया जाएगा।