न्यायालय का सिविल सेवा परीक्षा 2020 स्थगित करने से इंकार

आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ये भारत सरकार की मुख्य सेवाओं के लिये परीक्षा है ओर इसे अब स्थगित करना असंभव है।

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी और देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर चार अक्टूबर को होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा 2020 स्थगित करने से बुधवार को इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने केन्द्र से कहा कि वह उन अभ्यर्थियों को एक अवसर और प्रदान करने पर विचार करे जो कोविड महामारी की वजह से अपने अंतिम प्रयास में शामिल नहीं हो सकेंगे।

पीठ ने सिविल सेवा की 2020 की परीक्षा को 2021 के साथ मिलाकर आयोजत करने पर विचार करने से इंकार कर दिया और कहा कि इसका प्रतिकूल असर होगा।

पीठ कोविड-19 महामारी और बाढ़ के हालात की वजह से आयोग की सिविल सर्विसेज प्रारंभिक 2020 परीक्षा दो से तीन महीने के लिये स्थगित करने हेतु दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

संघ लोकसेवा आयोग ने इसका विरोध करते हुये कहा था कि चार अक्टूबर को परीक्षा के आयोजन के लिये सभी जरूरी तैयारियां कर ली गयीं हैं।

यूपीएससी का कहना था कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह परीक्षा 31 मई को होनी थी लेकिन इसे बार स्थगित करने के बाद अंतत: चार अक्ट्रबर को कराने का निर्णय किया गया है।

आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ये भारत सरकार की मुख्य सेवाओं के लिये परीक्षा है ओर इसे अब स्थगित करना असंभव है।

First Published on: September 30, 2020 4:32 PM
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