COVID-19 UPADTE :देश में कोरोना के मामले 82 लाख के पार, मरीजों के ठीक होने की दर 91.68 प्रतिशत हुई


देश में लगातार चौथे दिन उपचाराधीन लोगों की संख्या छह लाख से कम है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 5,61,908 लोगों का कोविड-19 का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 6.83 प्रतिशत है।


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नई दिल्ली। देश में कोविड-19 के मामले सोमवार को 82 लाख के पार चले गए। वहीं 75.44 लाख लोगों के ठीक होने के बाद मरीजों के ठीक होने की दर 91.68 प्रतिशत हो गई।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में एक दिन में कोविड-19 के 45,231 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के मामले बढ़कर 82,29,313 हो गए। वहीं इस दौरान 496 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,22,607 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार देश में 75,44,798 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ मरीजों के ठीक होने की दर 91.68 प्रतिशत हो गई है। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.49 प्रतिशत है।

देश में लगातार चौथे दिन उपचाराधीन लोगों की संख्या छह लाख से कम है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 5,61,908 लोगों का कोविड-19 का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 6.83 प्रतिशत है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को संक्रमितों की संख्या 40 लाख के पार चली गई थी।

वहीं, कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख के पार, 28 सितम्बर को 60 लाख और 11 अक्टूबर को 70 लाख के पार और 29 अक्टूबर को 80 लाख के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार एक नवम्बर तक कुल 11,07,43,103 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 8,55,800 नमूनों का परीक्षण रविवार को ही किया गया।

आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिन 496 लोगों की मौत हुई, उनमें से सबसे अधिक 113 लोग महाराष्ट्र के थे। इनके अलावा पश्चिम बंगाल के 59, दिल्ली के 51, छत्तीसगढ़ के 49, तमिलनाडु के 30 और केरल के 28 लोग थे।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 1,22,607 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से सबसे अधिक 44,024 लोग महाराष्ट्र के थे। इनके अलावा कर्नाटक के 11,192, तमिलनाडु के 11,152, उत्तर प्रदेश के 7,051, पश्चिम बंगाल के 6,900, आंध्र प्रदेश के 6,706 , दिल्ली के 6,562, पंजाब के 4,214 और गुजरात के 3,721 लोग थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का आईसीएमआर के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।