नई दिल्ली। राज्यसभा में सरकार और विपक्षी दलों के बीच गतिरोध सोमवार को भी जारी रहा और तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बज कर 40 मिनट पर उच्च सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया और प्रश्नकाल कुछ ही देर चल पाया। हंगामे के बीच ही, अंतर्देशीय जलयान विधेयक 2021 को मंजूरी दी गई। लेकिन विनियोग (संख्यांक 4) विधेयक 2021 तथा विनियोग (संख्यांक 3) विधेयक 2021 पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई।
पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग शुरू कर दी। कुछ सदस्यों ने तख्तियां लहराईं। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में तख्तियां दिखाने से मना करते हुए कहा कि जो सदस्य ऐसा कर रहे हैं उनके नाम प्रकाशित किए जाएंगे।
सभापति ने कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा ‘‘अगर सदन मेरे साथ सहयोग करेगा तो मैं आपकी बात सुन सकूंगा। मैं चर्चा के लिए तैयार हूं। यहां तक कि कार्यमंत्रणा समिति में भी तय हुआ है कि चर्चा हो। लेकिन इसके लिए सदन में व्यवस्था होना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा कि अगर सदस्य सहयोग नहीं करेंगे तो कैसे काम होगा। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर ही बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक शुरू होने पर सदन में विपक्ष का हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके जवाब भी दिये।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख हरिवंश ने बारह बज कर तीस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक पुन: शुरू हुई तब विपक्षी सदस्यों का हंगामा भी शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने अरुणाचल प्रदेश की जनजातियों से संबंधित एक संविधान संशोधन विधेयक सदन में पेश किया। इसके बाद सदन में अंतर्देशीय जलयान विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान की गई।
उच्च सदन में अंतर्देशीय जलयान विधेयक, 2021 पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पेश किया।। विधेयक पर हंगामे के बीच ही संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें भाजपा के महेश पोद्दार और हरजी भाई मोकारिया, बीजद के प्रसन्न आचार्य, अन्नाद्रमुक सदस्य डॉ एम थंबीदुरई, वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी, टीआरएस के डॉ बंदा प्रकाश, तेदेपा के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने अपनी बात रखी। इसके बाद मंत्री ने चर्चा का जवाब दिया और विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
इस दौरान विधेयक पर कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा मत विभाजन की मांग किए जाने पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि वह मत विभाजन कराने के लिए तैयार हैं लेकिन सदस्यों को अपने स्थानों पर जाना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर हंगामा कर रहे हैं, ऐसे में मत विभाजन कैसे कराया जा सकता है।
उपसभापति विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की बार बार अपील की। लेकिन हंगामा जारी रहा और कुछ विपक्षी सदस्यों को दस्तावेज को फाड़कर हवा में उछालते हुए भी देखा गया । विधेयक पारित होने के बाद उपसभापति ने दोपहर दो बज कर 36 मिनट पर बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बज कर 36 मिनट पर जब उच्च सदन की बैठक शुरू हुई तब आसन पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता थे। उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए दो महत्वपूर्ण विधेयक लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विनियोग (संख्यांक 4) विधेयक 2021 तथा विनियोग (संख्यांक 3) विधेयक 2021 पर साथ साथ चर्चा होगी।
इस बीच हंगामा करते हुए आसन के समक्ष आ चुके विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और दोनों विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा लेने की अपील करते हुए पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने कहा ‘‘यह दोनों वित्त विधेयक हैं और ये आपके तथा आपके राज्यों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। आप इन पर चर्चा के दौरान अपने राज्यों के मुद्दे उठा सकते हैं।’’
कालिता ने अपनी अपील दोहराई लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा। अंतत: तीन बज कर 40 मिनट पर उन्होंने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।