शांति व्यवस्था भंग करने की बड़ी साजिश थी दिल्ली दंगा : नित्यानंद राय

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गुरुग्राम। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को कहा कि इस साल दिल्ली में हुए दंगे देश की शांति व्यवस्था में खलल डालने की एक ‘‘बड़ी साजिश’’ थी लेकिन ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (आरएएफ) जैसे सुरक्षा बलों ने उस वक्त अराजकता फैलाने वाले तत्वों का दमन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कैम्प में आरएएफ के 28वें स्थापना दिवस पर आरएएफ के कर्मियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

राय ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘इस साल हुए दिल्ली दंगों के जरिये देश में शांति व्यवस्था में खलल डालने की एक बड़ी साजिश रची गई थी। आरएएफ ने अराजकता फैलाने वाले तत्वों का दमन करने और शांति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।’’

उन्होंने कहा कि आरएएफ कर्मियों ने दंगाइयों के नापाक मंसूबों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया।

मंत्री ने कहा, ‘‘दंगों और प्रदर्शन के दौरान आपको नुकसान उठाना पड़ा और चोट लगी…लेकिन आपने तभी बल प्रयोग किया जब हिंसक समूहों ने समाज की शांति में खलल डालना शुरू किया। ’’

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान आरएएफ को तैनात किया गया था। दंगों में 53 लोग मारे गये थे जबकि करीब 200 लोग घायल हुए।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में कई आरोपपत्र दाखिल किये हैं।आरएएफ की 15 बटालियनें (15,000 कर्मी से अधिक) हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मौके पर आरएएफ कर्मियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आरएएफ कर्मियों और उनके परिवारों को बल के 28वें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं। आरएएफ ने कानून व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने में खुद को विशिष्ट बनाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई बार और एक बार फिर से, कई मानवाीय कार्यों में तथा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में उनकी प्रतिबद्धता ने भारत को गौरवान्वित किया है।’’

राय ने कहा कि किसी देश के विकास के लिये आंतरिक सुरक्षा और शांति कायम रखना दो जरूरी चीजें हैं। कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को मार गिराने के लिये सीआरपीएफ कर्मियों की सराहना की।  बल ने क्षेत्र में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी गतिवधियों को नाकाम करने का काम किया है। यह आपकी बड़ी उपलब्धि है।

सीआरपीएफ निदेशक ए पी माहेश्वरी ने भी बल के कर्मियों को संबोधित किया और कहा कि सुरक्षा बलों एवं आरएएफ जैसी विशेष इकाइयों के समक्ष अब सोशल मीडिया के जरिये फैलाई जाने वाले फर्जी एवं उकसाने वाले संदेश नयी चुनौतियां हैं। अब हम देख रहे हैं कि साइबर जगत के जरिये कट्टरपंथ को फैलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बल इन नयी चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार है।  बल देश में कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल पर एक व्यापक जागरूकता अभियन शुरू करेगा। इसका लक्ष्य करीब 12 करोड़ नागरिकों तक पहुंचने का है।