नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों किसान आंदोलन का मुख्य चेहरा बन चुके हैं। टिकैत ने सरकार को नए कृषि कानूनों को वापस लेने का 2 अक्टूबर तक का समय दिया है और ये भी घोषणा की है कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले लेती, किसान यहां से जाने वाले नहीं हैं। वहीं, दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में हिरासत में लिए गए कथित किसानों की रिहाई की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
सोशल मीडिया ट्वीटर पर हिरासत में लिए गए कथित किसानों की रिहाई को लेकर #ReleaseDetainedFarmers नाम से अभियान चलाया जा रहा है। इस हैशटैग पर काफी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। कई लोग हिरासत में लिए गए कथित किसानों की रिहाई के साथ-साथ बीजेपी को निशाना भी बना रहे हैं। लोग यहां तक कह रहे हैं कि किसान शांति से आंदोलन कर रहे हैं जबकि पुलिस उन्हें परेशान कर रही है।
The police safeguarding borders peacefully…
Trust me these last 74 days of farmers were prime example of human rights violations..
Thanku BJP govt …shame#ReleaseDetainedFarmers pic.twitter.com/jW0ZWtttLr— Dr.Maninder SherGill 🇮🇳 (@Man_shergill) February 8, 2021
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद टिकट का इमोशनल वीडियो वायरल होने के बाद किसान आंदोलन वापस जोर पकड़ने लगा। एक बार फिर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमा हो गए और अभी भी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
We demand release of all our farmers. pic.twitter.com/UvgCUdCDL0
— Justice for Farmers (Jas Kaur) (@farmers_justice) February 8, 2021
टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन महाभारत की तरह है और इसमें किसानों की जीत होगी। सरकार भले ही बातचीत की बात कह रही है, लेकिन जब तक हमारे जेल में बंद लोग रिहा नहीं होते ये बातचीत नहीं होगी। हम पीएम मोदी की बातों का मान और किसान की पगड़ी का भी सम्मान रखना जानते हैं। बातचीत जरूर होगी, लेकिन किसानों भाइयों की रिहाई के बाद।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है। टिकैत ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके।
दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 26 जनवरी वाले दिन किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के दौरान और उसके बाद हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग की गई थी। इस याचिका में न सिर्फ किसान बल्कि उन सभी लोगों की रिहाई की मांग की गई, जिन्हें पुलिस ने सिंघू, टिकरी या गाजीपुर बॉर्डर के आसपास से अवैध रूप से हिरासत में लिया है।