अलीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विकास को ‘‘राजनीतिक चश्मे’’ से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि राजनीति इंतजार कर सकती है लेकिन विकास इंतजार नहीं कर सकता।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही गंवाया जा चुका है, अब सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है। लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं। सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है।’’
उन्होंने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए।
मोदी ने कहा- ‘‘राष्ट्र के, समाज के विकास को राजनीतिक चश्मे से ना देखा जाए। जब एक बड़े उद्देश्य के लिए हम आते हैं तो संभव है कुछ तत्व इससे परेशान हों। ऐसे तत्व दुनिया की हर सोसाइटी में मिल जाएंगे। यह कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके अपने स्वार्थ होते हैं । वह अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए हर हथकंडा अपनाएंगे, नकारात्मकता फैलाएंगे।’’
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार इस आंदोलन को विपक्षी दलों की साजिश करार देती रही है।
मोदी ने आगे कहा, ‘‘पॉलिटिक्स इंतजार कर सकती है लेकिन देश का विकास इंतजार नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत वक्त पहले ही जाया हो चुका है, अब वक्त नहीं गंवाना है तथा सभी को मिलकर, एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है
प्रधानमंत्री ने कहा- ‘‘आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं।’’
छात्रों से मुखातिब प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें।’’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अवसर पर एएमयू की उपलब्धियों को याद किया और इसके पूर्व छात्रों के योगदान का सराहा।
मालूम हो कि यह पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में किसी प्रधानमंत्री ने एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत की है। 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
शास्त्री से पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 1948 में एएमयू का दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने 1955, 1960 और 1963 में यहां का दौरा किया।
सर सैयद अहमद खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएंटल (एमएओ) स्कूल की स्थापना की थी। 1920 में उसी स्कूल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का रूप लिया। इसका कैंपस उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 467.6 हेक्टेयर में फैला हुआ है। कैंपस से इतर केरल के मल्लपुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद-जांगीपुर और बिहार के किशनगंज में भी इसके केंद्र हैं।