क्या अडानी ग्रुप ने खरीदा पुणे रेलवे प्लेटफार्म ? वायरल प्लेटफार्म टिकट का सच !


प्लेटफ़ॉर्म टिकट की कीमत बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई थी, “महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा मानदंडों को बनाए रखने के लिए”।


बबली कुमारी बबली कुमारी
देश Updated On :

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जो पुणे प्लेटफार्म का टिकट है। इसके ऊपर लिखा है, ‘अडानी रेलवे’ … रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है’। पुणे रेलवे स्टेशन के इस टिकट पर अन्य जानकारी भी है, जैसे तारीख, समय, टिकट का नंबर और उसकी 50 रुपये कीमत। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को शेयर कर एक यूजर ने सरकार की आलोचना की है, कि सरकार ने रेलवे अडाणी को बेच दिया है।

वायरल हो रहे इस टिकट को पढ़ने के बाद मन में यही सवाल उठता है कि क्या सरकार ने पुणे रेलवे स्टेशन अडानी ग्रुप को बेच दिया है? क्यों केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण की बात करती रही है। अडानी को भारतीय रेल एवं हवाईअड़्डों को लीज पर देने की खबरें आती रही है। अडानी और वर्तमान सरकार का संबंध किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में यह सवाल और गंभीर हो जाता है कि पुणे रेलवे स्टेशन अब भारतीय रेल नहीं अडानी ग्रुप के पास है?

लेकिन यह खबर सच नहीं है। सोशल मीडिया पर यह किसी शरारती तत्व की शरारत है। इसके पहले भी ऐसी खबरें आती रहीं हैं। जहां तक प्लेटफार्म टिकट का मूल्य 50 रुपये होने की बात है, रेलवे ने साफ कहा किया है कि भीड़ को कम करने के उद्देश्य से टिकट की कीमत बढ़ाई गई है, ताकि कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किया जा सके। इसके साथ ही रेलवे ने कहा था कि महामारी के खत्म होने के बाद टिकट की कीमत दोबारा पहले जैसी कर दी जाएगी।

ऐसा पहली बार नहीं है कि जब उद्योगपति गौतम अडाणी को भारतीय रेलवे के निजीकरण संबंधित पोस्ट में घसीटा गया हो। सितंबर महीने में भी ऐसा ही एक दावा किया गया था, जिसमें एक वीडियो शेयर किया जा रहा था। जिसपर अडानी लिखा था। बाद में ये दावा भी फर्जी निकला।

कुछ दिन पहले एक वीडियो में ट्रेन पर अडानी विलमार और फॉर्चून के विज्ञापन दिख रहे थे। इसके साथ भी यही दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार ने अडानी को रेलवे बेच दिया है। ये दावा भी फर्जी ही निकला। वहीं इस टिकट की तस्वीर को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि तस्वीर को एडिट किया गया है, असली तस्वीर में टिकट पर अडानी नहीं लिखा है।