डॉक्टरों के संगठन की प्रधानमंत्री से मांग, भारत को तंबाकू मुक्त बनाने में हस्तक्षेप करें

डॉक्टरों के संघ ने पत्र में कहा है कि तंबाकू का उपयोग देश में सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे न केवल लोगों की जान जाती है, बल्कि जनता के लिए भारी सामाजिक और आर्थिक लागत भी आती है।

नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश को तंबाकू के बोझ से मुक्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है, “तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करना एक प्राथमिक रोकथाम होगी, खासकर जब युवा आबादी की बात आती है, यह कई लाखों लोगों की जान बचाएगी। एफएआईएमए आपसे अनुरोध करता है कि कृपया इस मामले को जल्द से जल्द देखें और देश को तंबाकू मुक्त बनाने में मदद के लिए तत्काल कदम उठाएं।”

डॉक्टरों के संघ ने पत्र में कहा है कि तंबाकू का उपयोग देश में सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे न केवल लोगों की जान जाती है, बल्कि जनता के लिए भारी सामाजिक और आर्थिक लागत भी आती है।

एफएआईएमए ने तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है।

पत्र में कहा गया है, “भारत में तंबाकू के उपयोग का सबसे प्रचलित रूप खैनी, गुटखा और पान के साथ जर्दा है। तंबाकू के अन्य धूम्रपान रूप बीड़ी, सिगरेट और हुक्का हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि जनसंख्या को बचाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरों को दूर करने के लिए हर रूप में तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएं।”

एफएआईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने कहा, “तंबाकू मुक्त भारत अभियान के माध्यम से, हम जनता को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने शुरुआत में देश के हर मेडिकल कॉलेज में अभियान चलाया, बाद में, हम इसे सार्वजनिक डोमेन में विस्तारित करेंगे।”

First Published on: January 13, 2023 10:33 AM
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