
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक उम्मीदवारों के डैशबोर्ड पर एक और फीचर जोड़ा है, सिम्युलेटेड रैंक्स इससे उम्मीदवार अपने अस्थायी रैंक को जान सकेंगे। उम्मीदवारों द्वारा तक जमा किए गए सीयूईटी परीक्षा के अंकों और वरीयताओं के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले के लिए रैंक निर्धारित की जाएगी। इस सुविधा के माध्यम से उम्मीदवार किसी विशेष कार्यक्रम और कॉलेज में आवंटन की संभावना का आकलन करने में सक्षम होंगे।
इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य सीट आवंटन प्रणाली (सीएसएएस यूजी) गठित की गई है। सीएसएएस पोर्टल के जरिए सीयूईटी (यूजी) परीक्षा दे चुके छात्रों को अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों और कॉलेजों को चुनना है। छात्रों के सीयूईटी स्कोर की गणना स्वत पोर्टल पर की जाएगी और उम्मीदवार के डैशबोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि उम्मीदवारों को दो दिवसीय वरीयता-परिवर्तन विंडो भी प्रदान की जा रही है। शुक्रवार 14 अक्टूबर से रविवार 16 अक्टूबर, यदि दाखिले के इच्छुक उम्मीदवार चाहे तो वह पूर्व में दर्ज की गई अपनी प्राथमिकताएं बदल सकते हैं।
वरीयता-परिवर्तन विंडो का उपयोग अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रमों और कॉलेजों को अपनी वरिष्ठता सूची में जोड़ने या हटाने के लिए भी किया जा सकता है। चयनित वरीयताएं के तहत अपनी प्राथमिकताओं को अनुक्रमित करने के बाद, उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी प्राथमिकताएं अपडेट और सेव कर ली गई हैं।
छात्र अपनी प्राथमिकताओं को सहेजने के लिए परिवर्तन सहेजें टैब का उपयोग करें। उन्हें यह पुष्टि करने के लिए वरीयता चयन विंडो का पूर्वावलोकन भी करना होगा कि उनकी सहेजी गई प्राथमिकताएं सफलतापूर्वक सबमिट कर दी गई हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक ‘वरीयता-परिवर्तन’ विंडो की समय सीमा 16 अक्टूबर, तक अंतिम सहेजी गई वरीयताएं स्वत लॉक हो जाएंगी और ये आवंटन सूचियों के निर्धारण का आधार बन जाएंगी।
विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि छात्रों को यह ध्यान देना चाहिए कि किसी भी तरह से ‘सिम्युलेटेड रैंक’ को एक वारंटी या एक वैध उम्मीद के निर्माण के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। यह केवल प्रवेश कॉलेज में दाखिले और सीट आवंटन की एक प्रक्रिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि वह किसी भी व्यक्ति को किसी भी नुकसान या क्षति, आर्थिक या अन्यथा के लिए उत्तरदायी नहीं है, जो उसे प्रदान की गई जानकारी के आधार पर की गई किसी भी कार्रवाई या निष्क्रियता के कारण उत्पन्न होता है।