
नई दिल्ली। लॉटरी किंग के नाम से मशहूर सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में बीते कुछ दिनों से ईडी की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है। मार्टिन और उसके सहयोगियों पर 900 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी सैंटियागो मार्टिन के ठिकानों से बरामद किए गए इलेक्ट्रोनिक डिवाइस का डाटा नहीं निकाल सकती है।
सैंटियागो मार्टिन केस में सुप्रीम कोर्ट ने जांच को लेकर ईडी को झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि ईडी किसी के लैपटॉप या मोबाइल फोन से डेटा एक्सेस नहीं कर सकती है। कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि नवंबर 2024 में जब्त मोबाइल, लैपटॉप से ईडी डेटा एक्सेस करने की कोशिश नहीं करे। अब आगे किसी जांच में ईडी डायरेक्ट इलेक्ट्रोनिक डिवाइस पर हाथ नहीं लगा पाएगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मिथल ने 13 दिसंबर को दो पन्नों के आदेश में ईडी को जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा एक्सेस न करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मोबाइल डेटा एक्सेस को लेकर चार केस पहले से चल रहा है। ईडी ने नवंबर में देश के अलग-अलग हिस्सों में सैंटियागो मार्टिन के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने सैंटियागो मार्टिन, उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए थे।
ईडी ने छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज सहित 12.41 करोड़ रुपया नकद बरामद किया था और 6.42 करोड़ रुपया फ्रीज कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कोई बड़ा झटका नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी के पास मार्टिन के खिलाफ और भी कई सबूत हैं।
ईडी की ओर से जब्त किए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में 17 मोबाइल फोन ( दो सिम वाले), डेटा डंप वाले हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और कुछ ईमेल का बैक-अप शामिल है। इसके बाद मार्टिन ने निजी जानकारी लीक होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग कंपनी 2019 और 2024 के बीच राजनीतिक दलों को दान देने के लिए 1,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी खरीदार थी।