नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 141 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस बार पद्म विभूषण से सात हस्तियों को नवाजा है। वहीं 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिनमें से 16 हस्तियां ऐसी भी थीं जिन्हें मरणोपरांत पद्म पुरस्कार प्रदान किया गया।
जिस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई हस्तियां इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहे। वहीं इस ग्लैमर की लकदक चकाचौंध के बीच एक ऐसी हस्ती भी थीं, जो इन सबसे कोसो दूर हैं। अशोक हॉल में तुलसीअम्मा की दिव्यता के सामने सत्ता के शीर्ष पद पर बैठे राजनेता भी नतमस्तक हुए।
कर्नाटक की इस असाधारण वनस्पति विशेषज्ञ ,पेड़ पौधों, जड़ी बूटियों और वनस्पतियों के लिए अपना जीवन देने वाली तुलसी अम्मा की ये तस्वीर कभी आंख नम कर रही है तो कभी गर्व की अनूभूति हो रही है।
तुलसीअम्मा को शायद पता भी नहीं होगा कि जो काम वो दशकों से सहज भाव से कर रही हैं उसके लिए भारत सरकार कोई सम्मान भी देती है। वो प्रकृति के साथ जीने वाली भोली भाली वनवासी हैं। उसने कभी अपने पेड़ पौधे दिखा कर हाई प्राईफाइल पांच सितारा एनजीओ की तरह सरकार से मदद नहीं मांगी,कॉरपोरेट फंड नहीं मांगा, चंदा नहीं जुटाया, देश विदेश में सेमीनार नहीं किए, पेज थ्री पर नेताओं, अफसरों सेलीब्रटिज़ के साथ जाम छलकाते हुए फोटो भी नहीं छपवायी। वो अंग्रेजीदा भी नहीं है। उसने कोई पीआर एजेंसी भी हायर नहीं की। लेकिन आज पूरा देश इस वनवासिनी के प्रति श्रद्धा आदर से झुक रहा है। उनकी ये छवि दिल में, आंखों में समा गयी है। और समझ आ रहा है मेरा भारत ऐसे ही निस्वार्थ भोले लोगों के कारण महान रहा है और रहेगा।
जल जंगल जमीन से जुड़ी इस अम्मा तक सरकार स्वयं पहुंच गयी । राष्ट्रपति भवन में अशोक हॉल के रेड कॉरपेट पर हाई हील के सैंडिल और डिज़ाइनर ड्रैस पहन कर ही नहीं नंगे पांव चल कर साधारण परंपरागत एकवस्त्रा ड्रैस में भी सम्मान के असली हकदार पिछले कुछ वर्षों से पहुंच रहे हैं। चयन करने वालों को भी प्रणाम पुरस्कार देने वालों को प्रणाम और तुलसी अम्मा तुम तो ना जाने कितनी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गयी हो । किसी ने आज फेसबुक पर सही लिखा ‘आज तुमसे पद्मश्री सम्मानित हो गया’।









