किसान आंदोलन: सोशल मीडिया पर कह रहे लोग, दिल्ली बॉर्डर पर चीन-पाकिस्तान जैसी फेन्सिंग

Ritesh Mishra Ritesh Mishra
देश Updated On :

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हमेशा से आंदोलन का केंद्र रही है। मुगलों के साथ लड़ाई से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ संग्राम या फिर सत्ता के खिलाफ आंदोलन, इन सभी में दिल्ली की बड़ी भूमिका है। आजादी के बाद सरकार के खिलाफ जब-जब बड़ा आंदोलन हुआ है, तब-तब दिल्ली में आवाज गूंजी है। इस समय सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पूरे देश में चर्चा का विषय है।

गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में जो हिंसा हुई थी, उसके बाद ऐसा लगा किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही। कई किसान संगठनों ने खुद को इस आंदोलन से अलग कर लिया लेकिन किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमा पर डट गए हैं। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर तो पश्चिमी यूपी के किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

करीब 65 दिनों से इन कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए इस बार पुलिस ने ऐसी दीवार बनाई है जिसे देखकर यही कहा जा सकता है कि ये दिल्ली नहीं बल्कि चीन-पकिस्तान की सीमा है। यहां करीब 11 लेयर की सुरक्षा है जो किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पुलिस को इस बार उपद्रवियों से निपटने के लिए उन्हें स्टील की लाठी भी दी गई है।

किसान आंदोलन को लेकर पुलिस की इस घेराबंदी और तैयारियों को लेकर सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना की जा रही है। ट्वीटर पर #FencingLikeChinaPak ट्रेंड भी कर रहा है जिसमे लोग सड़क खोदकर लगाई गईं लोहे की नुकीली कीलों और फेन्सिंग को दिल्ली नहीं, चीन-पाकिस्तान का बॉर्डर बता रहे हैं। यूपी गेट यानि गाजीपुर बॉर्डर पर भी पुलिस ने फेन्सिंग कर कई लेयर की सुरक्षा बनाई है ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें।

सड़क खोदकर लगाई गईं लोहे की कील, पुलिस के हाथों में स्टील की लाठी
टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है। पहले यहां पर सीसी की दीवार बनाई गई थी। सात लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी, मगर अब सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को यहां पर और भी मजबूत कर दिया गया है। बॉर्डर पर रोड रोलर भी अब खड़े कर दिए गए हैं ताकि किसान अगर दिल्ली में घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोकने के लिए रोड रोलर को सड़क पर खड़ा किया जा सके।

अगर किसान ट्रैक्टर लेकर यहां से दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे तो कीलों की वजह से वाहन का पंक्चर हो जाएगा। पूरा टायर खराब हो जाएगा। यहां से निकलना अब मुश्किल होगा। बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की 15 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के बाद यहां हर रोज सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है। इसी कड़ी में लोहे की कीलें लगाई गई हैं।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि यहां से किसी भी किसान को दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यह सुरक्षा व्यवस्था इसलिए बढ़ाई जा रही है ताकि कोई भी किसान यहां से निकलकर दिल्ली की सीमा में घुस सके। उधर, हर रोज बढ़ी रही सुरक्षा व्यवस्था व बैरिकेडिंग से किसानों में भी डर फैल रहा है। किसानों का कहना है कि देश के अन्नदाता को रोकने के लिए ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जैसे कि हम किसान नहीं बल्कि कोई उपद्रवी हों।