नई दिल्ली। संसद के मानसूत्र के दौरान केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की प्रदर्शन की योजना के मद्देनजर मध्य दिल्ली में जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
जंतर-मंतर, संसद भवन से कुछ मीटर की दूरी पर ही है।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है, जिसमें कहा जाए कि कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा। इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है, जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं। सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है।
वहीं कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में हंगामा किया जिस कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू करवाया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने जलशक्ति मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तर दिए।
कांग्रेस के सदस्यों ने ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाए। उन्होंने तख्तियां हाथ में ले रखी थीं। इनमें से एक तख्ती पर ‘अन्नदाता का अपमान बंद करो, तीनों कृषि कानून रद्द करो’ लिखा था।
सदन में नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है। आपको जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है। आप मुद्दे उठाएं, चर्चा करें और जनता की समस्याओं के समाधान का प्रयास करें। आपको चर्चा करने का पूरा समय मिलेगा।’’
बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘तख्तियां दिखाना और नारेबाजी करना है तो आप सदन से बाहर चले जाएं। यह उचित नहीं है।’’
सदन में हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने सुबह करीब 11.10 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।