लाल किला पहुंचे किसान, दिल्ली में कई जगहों पर उग्र प्रदर्शन-ITO पर हालात बेकाबू


सबसे खराब हालत आईटीओ की है जहां पुलिस आईटीओ इलाके में किसान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस हमला किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।


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नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को उग्र रूप ले लिया है। गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च के दौरान जमकर बवाल किया और तय रूट से हटकर सेंट्रल दिल्ली में दाखिल हो गए। इसी बीच, किसानों का एक समूह ट्रैक्टरों पर सवार होकर लाल किले में घुस गया। पुलिस दिल्ली में कई जगहों पर बवाल कर रहे किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है।

इस दौरान, कई जगहों पर किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने आईटीओ पर उग्र प्रदर्शकारियों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। जानकारी के मुताबिक, आईटीओ पर अब हालात काबू में आ गए हैं. किसान ट्रैक्टर लेकर आईटीओ से रेड फोर्ट की तरफ रवाना हो रहे हैं।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिलशाद गार्डन में ड्यूटी पर दिल्ली पुलिस का एक जवान बेहोश होकर गिर पड़ा। इस दौरान अन्य पुलिस कर्मियों ने उसकी देखभाल की। होश में आने के बाद उसे अब अस्पताल ले जाया जा रहा है। विशेष आयुक्त दिल्ली पुलिस दिपेंद्र पाठक के मुताबिक, पुलिस हालात पर नियंत्रण पाने कि कोशिश कर रही है, किसान नेताओं से बातचीत चल रही है।

सबसे खराब हालत आईटीओ की है जहां पुलिस आईटीओ इलाके में किसान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस हमला किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

ऐतिहात के तौर पर दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। दिल्ली में सैकड़ों ट्रैक्टर घुस चुके हैं। ये सभी संयुक्त मोर्चा किसान संगठन से संबंधित बताए जा रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी संयुक्त मोर्चा किसान संगठन से बात चल रही है। दिल्ली में घुसे किसानों को मुड़कर बाहर आने के लिए कहा जा रहा है।

दिल्ली के आईटीओ रेड लाइट पर किसानों का हुड़दंग जारी है। बीच चौराहे पर तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं। प्रदर्शकारियों ने पुलिस पर भी ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। कुछ प्रदर्शनकारी मुंह पर कपड़ा बांधकर पुलिस पर पथराव कर कर रहे हैं।

गाड़ियों के शीशे तोड़े, अक्षरधाम के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प
पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने अवरोधक लांघने और गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए। पारम्परिक सिख यौद्धा ‘निहंग’ की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई। इस बीच, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चो का कोई भी सदस्य आउटर रिंग रोड नहीं गया।

पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई चौक और मुकरबा चौक पर किसानों ने सीमेंट की बाड़ तोड़ दिए और उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दिल्ली में संसद से कुछ किलोमीटर दूर आईटीओ इलाके में भी प्रदर्शन कर रहे किसान पहुंच गए।

पुलिस की अपील, कानून हाथ में नहीं लें किसान
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में नहीं लें और शांति बनाए रखें। पुलिस की यह अपील राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प की घटना के बीच आई है। पुलिस ने किसानों से कहा कि वह पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही ट्रैक्टर परेड़ निकाले।

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, हम प्रदर्शनकारी किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे कानून हाथ में नहीं ले और शांति बनाए रखें। पुलिस ने मंगलवार को किसानों पर तब लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जब पूर्व निर्धारित मार्ग से हटकर उनकी परेड आईटीओ सहित कई अन्य स्थानों पर पहुंच गई। किसान राजपथ की ओर जाना चाहते थे।

तय समय से पहले ही किसानों ने शुरू कर दी परेड
दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी। हालांकि, उस समय अफरा-तफरी की स्थित पैदा हो गई जब किसान मध्य दिल्ली की ओर जाने पर अड़ गए। किसानों ने तय समय से पहले ही परेड शुरू कर दी और मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए और लुटियन दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करने लगे। प्रदर्शनकारी डंडे लिए हुए थे और आईटीओ पर वे पुलिस के साथ भिड़ गए।