नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों के दो आंदोलन स्थलों टीकरी और गाजीपुर पर अवरोधक (बैरिकेड्स) हटाने की शुरुआत के बीच किसान यूनियन नेताओं ने शुक्रवार को दावा किया कि यह कदम उनके इस रुख को दर्शाता है कि उन्होंने शहर के सीमा बिंदुओं पर सड़कों को कभी भी अवरुद्ध नहीं किया।
किसान संघ के नेताओं ने कहा कि यह कदम उनके इस रुख की पुष्टि करता है कि उन्होंने शहर के सीमा क्षेत्रों पर सड़कों को कभी भी अवरुद्ध नहीं किया।
किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन स्थलों पर दोनों मार्गों को पूरी तरह से खाली करने का कोई भी निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा लिया जाएगा, एसकेएम केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने वाले 40 से अधिक किसान संघों का एक निकाय है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यातायात के लिए रास्ता बनाया जाएगा।
दिल्ली पुलिस का फैसला उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें किसान संघों ने दावा किया था कि शहर की सीमाओं पर नाकेबंदी के लिए पुलिस जिम्मेदार थी।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के पदाधिकारियों ने कहा था कि किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने सड़कों को अवरुद्ध किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर फिर से खोला जा रहा है।’’
गाजीपुर सीमा विरोध स्थल पर बैरिकेड्स हटाने के मद्देनजर, बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा, “वर्तमान में जारी किसानों के आंदोलन का भविष्य संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तय किया जाएगा।’’
वरिष्ठ किसान नेता और एसकेएम सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि किसानों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है, जिसे हमने पहले दिन से खारिज किया है।’’ पाल ने कहा कि सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने सड़क के उस हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जो पहले से ही फ्लाईओवर के निर्माण के कारण यातायात के लिए बंद है।