फेरीवालों को कारोबार शुरू करने की अनुमति अभी नहीं दी जा सकती: महाराष्ट्र सरकार


महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने कहा, “वर्तमान में फेरी वाले असंगठित क्षेत्र में आते हैं और कोविड-19 महामारी के बीच उन्हें कारोबार करने की अनुमति देने से समाज में यह बीमारी बड़े स्तर पर फैल सकती है।”


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मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए वर्तमान में फेरीवालों को अपना कारोबार शुरू करने की अनुमति देने का उसका कोई इरादा नहीं है।

महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने न्यायमूर्ति ए ए सैयद और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार के पास सड़क पर दुकान लगाने और फेरी लगाने वालों के लिए कोई नीति नहीं है और इस समय ऐसी कोई नीति बनाने पर विचार नहीं किया जा रहा है।

कुम्भकोणी ने कहा, “वर्तमान में फेरी वाले असंगठित क्षेत्र में आते हैं और कोविड-19 महामारी के बीच उन्हें कारोबार करने की अनुमति देने से समाज में यह बीमारी बड़े स्तर पर फैल सकती है।” 

ओसवाल के वकील की ओर से दलील दी गई कि जब होटल और रेस्तरां को संचालन की अनुमति दी जा सकती है तो फेरीवालों को भी सड़क पर दुकान लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। खंडपीठ ने मंगलवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में हलफनामा दाखिल करे और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

महाधिवक्ता लॉकडाउन की वजह से सड़क पर दुकान लगाने वालों की आय का साधन समाप्त होने से उत्पन्न स्थिति को लेकर मनोज ओसवाल नामक व्यक्ति की जनहित याचिका पर अपना जवाब दे रहे थे।

ओसवाल के वकील की ओर से दलील दी गई कि जब होटल और रेस्तरां को संचालन की अनुमति दी जा सकती है तो फेरीवालों को भी सड़क पर दुकान लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। खंडपीठ ने मंगलवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में हलफनामा दाखिल करे और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।



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