नाग मिसाइल का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न: डीआरडीओ


कम रेंज की इस नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का वजन काफी हल्का होता है। जिसकी रेंज 500 मीटर से 20 किलोमीटर तक हो सकती है। थर्ड जेनेरेशन ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘ध्रुवास्त्र’ देश के पुराने मिसाइल ‘नाग हेलीना’ का हेलीकॉप्टर संस्करण है।


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नई दिल्ली। भारतीय सेना के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। जहां एक तरफ भारतीय नेवी को INS कवरत्ती मिलने जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना ने नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।

22 अक्टूबर यानि आज सुबह 06.45 मिनट पर राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में इस देसी मिसाइल का आखिरी टेस्ट किया गया। जो कि सफल साबित हुआ। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ‘DRDO’ द्वारा निर्मित ये मिसाइल पूरी तरह से देसी और थर्ड जनरेशन की है। इसकी खास बात यह है कि ये दुश्मन के टैंक साथ बाकी सैन्य वाहनों को सेकेंडों में खत्म करने क्षमता रखती है।

कम रेंज की इस नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का वजन काफी हल्का होता है। जिसकी रेंज 500 मीटर से 20 किलोमीटर तक हो सकती है। थर्ड जेनेरेशन ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘ध्रुवास्त्र’ देश के पुराने मिसाइल ‘नाग हेलीना’ का हेलीकॉप्टर संस्करण है। इसके जरिए आसमान से सीधे दाग कर दुश्मन के बंकर, बख्तरबंद गाड़ियों और टैंकों को तबाह किया जा सकता है।

कई खूबियों के अलावा इसमें इंफ्रारेड भी है। जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है और अचानक ऊपर उठकर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर उसे तबाह कर देती है। इस मिसाइल की आपको बता दें कि इससे पहले भी साल 2017, 2018 और 2019 में अलग-अलग तरीके से नाग मिसाइल के कई ट्रायल किए जा चुके हैं।

वहीं आज ही के दिन विशाखापट्टनम में नेवल डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय नेवी को INS कवरत्ती के रूप में एक और नई शक्ति मिलने जा रही है। INS कवरत्ती की बात करें तो ये एक एंटी सबमरीन वॉरफेयर जहाज है। जो 90 प्रतिशत देसी उपकरणों से बनाया गया है। जिसका डिजाइन खुद नेवल डिजाइन टीम ने तैयार किया है। जो कि भारतीय नेवी में शामिल होने के बाद रक्षा क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।

इस एंटी मरीन, वॉरशेप जहाज की खास बात यह है कि ये रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता। चार डीजल इंजनों वाले इस युद्धपोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है। ये अपने दमदार सेंसर की मदद से दुश्मन पनडुब्बियों को पता लगाकर नेस्तानाबूद करने में सक्षम है।

आपको बता दें कि यह प्रोजेक्ट-28 के तहत भारत में बनाई गई चौथी पनडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत में से आखिरी जहाज है। जिसे विशाखापट्टनम में नेवल डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान इंडियन नेवी को सौंपा जाना हैं। वहीं प्रोजेक्ट के पहले 3 युद्धपोत इंडियन नेवी को दिए जा चुके हैं। जिनमें अभी तक INS कमरोता, INS कदमत, INS किल्टन नौसेना में शामिल हो चुके हैं।

भारत ने बृहस्पतिवार को राजस्थान के पोखरण में तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डीआरडीओ ने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र का रक्षा उपक्रम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड इसका उत्पादन करेगा जबकि नामिका का उत्पादन मेडक आयुध कारखाने में किया गया जाएगा।’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना को नाग मिसाइल के सफल परीक्षण के लिये बधाई दी है।



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