उन्होंने कहा कि तीन श्रेणियों के देश भारत से टीका हासिल करने के इच्छुक हैं- गरीब, कीमत को लेकर संवेदनशील देश और दवा कंपनियों के साथ सीधे समझौता करने वाले अन्य देश।
जयशंकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जहां तक मुझे पता है, हम 15 देशों को पहले ही टीके की आपूर्ति कर चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘25 अन्य देशों को टीके का इंतजार है। लेकिन आज महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत इस मामले में विश्व के नक्शे पर उभरा है।’’
मंत्री ने कहा कि कुछ गरीब देशों को अनुदान के आधार पर टीके की आपूर्ति की जा रही है जबकि कुछ देश उस कीमत पर टीका चाहते हैं जो भारत सरकार टीका निर्माताओं को दे रही है।
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को ‘‘विश्व की फार्मेसी’’ के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं।
भारत में लगाए जा रहे दो टीके
भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें कोविशील्ड का विकास ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने किया है। इसका उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है। कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है और इसका निर्माण भारत बायोटेक ने आइसीएमआर के साथ मिलकर किया है।
बांग्लादेश और नेपाल भी पहुंची भारत की वैक्सीन
भारत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल से दोस्ती निभाते हुए उन्हें कोविड से बचाव के लिए वैक्सीन की 20 लाख और 10 लाख खुराकें भेजीं। महामारी से निपटने के लिए दोनों मित्र देशों को वैक्सीन की ये खुराकें मुफ्त दी गई हैं। भारत जल्द ही म्यांमार और सेशेल्स को भी वैक्सीन की आपूर्ति करेगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था, नेपाल ने भारतीय वैक्सीन सबसे पहले पाई। हम पड़ोसियों की मदद सबसे पहले कर रहे हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बांग्लादेश के साथ वैक्सीन मैत्री को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
भारत ने घोषणा की थी कि वह अपने पड़ोसी देशों भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को बहुत जल्द वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस में वैक्सीन की आपूर्ति तब की जाएगी जब वहां की नियामक संस्थाएं भारतीय वैक्सीन को स्वीकृति प्रदान कर देंगी।
अमरावती। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां कहा कि भारत ने अभी तक 15 देशों को कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति की है और 25 अन्य देशों को यहां निर्मित टीके का इंतजार है।