
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. की अनुषंगी इकाइयों ने कोविड-19 संकट से निपटने के लिए आठ राज्यों में अपने अस्पतालों में विशेष रूप से 1,509 बिस्तरों (बेड) का इंतजाम किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। कोयले से संपन्न ये आठ राज्य राज्य हैं…झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और असम।
664 महानदी कोलफील्ड्स ने सबसे अधिक 664 बिस्तरों को स्थापित किया
इन 1,509 बिस्तरों में से सबसे अधिक 664 महानदी कोलफील्ड्स ने ओड़िशा के भुवनेश्वर, अंगुल, झारसुगुड़ा, संबलपुर और सुंदरगढ़ में अपने अस्पतालों में स्थापित किए हैं। इसके अलावा नार्दर्न कोलफील्ड्स लि.ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 200 विशेष बेड का इंतजाम किया है। भारत कोकिंग कोल लि. ने 100, सेंट्रल कोलफील्ड्स ने 180, ईस्टर्न कोलफील्ड्स ने 144, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स ने 132, वेस्टर्न कोलफील्ड्स ने 75 और नार्थ ईस्टर्न कोलफील्ड्स ने 14 विशेष बेड का प्रबंध किया है
इस्पात कंपनियों ने कोरोनो वायरस संकट से निपटने के लिए किया दान
पीएम-केयर्स कोष में कुल 267.55 करोड़ रुपये का योगदान दिया
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खनन क्षेत्र की कंपनी एनएमडीसी ने पीएम-केयर्स में सबसे अधिक 155 करोड़ रुपये दिए है। इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाली एक अन्य खनन कंपनी मॉयल ने 48 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसी तरह स्टील अथारिटी आफ इंडिया लि. (सेल) ने 30 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) ने इस कोष में 6.16 करोड़ रुपये दिए हैं।
पेलेट कंपनी केआईओसीएल ने इस कोष में 10.10 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। परामर्श कंपनी मेकॉन ने 7.75 करोड़ रुपये, ई-कॉमर्स कंपनी एमएसटीसी ने 5.54 करोड़ रुपये तथा फेरो स्क्रैप निगम (एफएसएनएल) ने इस कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। कुल मिलाकर सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों ने पीएम-केयर्स कोष में 267.55 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
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