श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के चार मछुआरों की हत्या, पड़ोसी देश के समक्ष उठाया मुद्दा

भारत सरकार द्वारा श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के चार मछुआरों के मारे जाने का मुद्दा पड़ोसी देश के समक्ष उठाया गया है, साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि जनवरी माह में श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के चार मछुआरों के मारे जाने का मुद्दा पड़ोसी देश के समक्ष उठाया गया है और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि इस बारे में पड़ोसी देश से बात की जा चुकी है।

उन्होंने कहा ‘‘श्रीलंका की सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया और स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’

इससे पहले द्रमुक के तिरूचि शिवा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 19 जनवरी को तमिलनाडु के चार मछुआरों के लापता होने की खबर आई। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को श्रीलंका की नौसेना ने चारों मछुआरों के शव मिलने के बारे मे बताया और तर्क दिया कि मछुआरों की नौका उनके पोत से टकरा गई थी।

शिवा ने कहा ‘‘ऐसा नहीं था। वास्तव में इन मछुआरों को बेहद क्रूरता से मारा गया था। यह पहली घटना नहीं है। पहले भी ऐसा हो चुका है। मछुआरों में भय का माहौल है। उनके मछली पकड़ने के लिए जाते समय उनके परिवार यह सोच कर आशंकित रहते हैं कि पता नहीं, अब मछुआरे जीवित आएंगे या नहीं।’’

अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि अब तक श्रीलंका की नौसेना के हाथों तमिलनाडु के 245 मछुआरों की जान जा चुकी है। यह सिलसिला चलता ही जा रहा है।

द्रमुक और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि इस घटना की पुनरावृत्ति न हो।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और हर सरकार ने इसके समाधान के लिए प्रयास किए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस बारे में समुचित कदम उठाएगी।

First Published on: February 3, 2021 12:51 PM
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