सीमा से लेकर पीएम ऑफिस तक, सब पर है हैकर्स की नजर, मोदी से जुड़ा अकाउंट हैक


आश्चर्य की बात यह है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार को चीनी सेना के भारतीय सीमा मेंं, देश का आर्थिक विकास पाताल में और पीएम के अकाउंट में हैकर्स के घुसने। इन तीनों घटनाओं में सरकार को काफी समय बाद पता चला कि यह सब हो गया है।


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नई दिल्ली। मैं ग्रह नक्षत्रों की दशा-दिशा पर तो विश्वास नहीं करता, लेकिन “एक्ट ऑफ गॉड” पर  विश्वास रखने वाली सरकार में ऐसा लगता है कि इन दिनों देश पर राहु की वक्र छाया पड़ रही है। देश की सीमा में घुसते चीन-नेपाल, प्रधानमंत्री मोदी के निजी वेबसाइट से जुड़े अकाउंट में घुसते हैकर्स और पालात में घुसते देश के आर्थिक विकास से तो ऐसा ही लगता है।

अधिकारियों के अनुसार ट्विटर ने बृहस्पतिवार को  एक बयान जारी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट से जुड़े अकाउंट को हैक कर लिया गया था, जिसके बाद जिसे बाद में ठीक कर दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार को चीनी सेना के भारतीय सीमा मेंं, देश का आर्थिक विकास पाताल में और पीएम के अकाउंट में हैकर्स  के घुसने- इन तीनों घटनाओं में सरकार को काफी समय बाद पता चला कि यह सब हो गया है। फिलहाल खबर की बात करते हैं।

ट्विटर के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए जारी किए बयान जारी कर कहा है कि, “हमें इस गतिविधि की जानकारी है और हमने हैक किए गए अकाउंट को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। हम सक्रियता से स्थिति की जांच कर रहे हैं। इस वक्त, हमें अन्य किसी अकाउंट के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है। अपना अकाउंट सुरक्षित रखने के लिए आप आवश्यक जानकारी देख सकते हैं।” खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री के हैक किए गए अकाउंट के करीब 25 लाख फॉलोअर हैं।

खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री की निजी वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट को हैक करने के बाद, साइबर अपराधी ने इस पर क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर कोविड-19 के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने का अनुरोध करने संबंधी पोस्ट डाली थी।

एक अन्य संदेश में कहा गया, “ हां, यह अकाउंट जॉन विक ने हैक किया है, हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है।”

इससे पहले 30 अगस्त को, साइबर सुरक्षा की कंपनी साइबल ने दावा किया था कि पेटीएम की ई-कॉमर्स इकाई, पेटीएम मॉल में डेटा उल्लंघन संबंधी घटना के लिए हैकर समूह जॉन विक जिम्मेदार है।

वहीं ट्विटर ने बृहस्पतिवार को यह भी कहा कि उसकी जांच के मुताबिक, हालिया हमला ट्विटर प्रणाली या सेवा के असुरक्षित होने की वजह से नहीं हुआ है। अर्थात में इसमें पीएमओ ऑफिस की तरफ से कोई गलती हुई है।

ट्विटर ने कहा कि फिलहाल इस बात के कोई संकेत या सबूत नहीं है कि इस अकाउंट को हैक किए जाने और जुलाई में हुई घटना में कोई संबंध है।

जुलाई में, जेफ बेजोस, बराक ओबामा, बिल गेट्स, एलन मस्क और अन्य हाई-प्रोफाइल उपयोगकर्ताओं के अकाउंट में भी सेंध लगाई गई थी।

अपने ब्लॉग पर 30 जुलाई को दी गई जानकारी में ट्विटर ने कहा था कि हैकरों ने उसकी आंतरिक प्रणाली तक पहुंचने और उसकी प्रक्रियाओं की सूचना जुटाने के लिए कुछ कर्मचारियों की जानकारियों का इस्तेमाल किया।

कंपनी ने कहा कि था कि हैकरों ने 130 ट्विटर अकाउंटों को निशाना बनाया था जिसमें से 45 से ट्वीट किये गये, 36 के डीएम इनबॉक्स तक पहुंच बनाई और सात अकाउंटों के ट्विटर डेटा को डाउनलोड किया गया।



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