अफस्पा को वापस लेने की मांग के बीच सरकार ने पूरे नगालैंड को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया


इस महीने की शुरुआत में गलत पहचान के कारण 14 आम नागरिकों की मौत के बाद सशस्त्र बलों को प्राप्त विशेष शक्तियां वापस लेने के लिए बढ़ती मांग के बीच केंद्र का यह कदम सामने आया है।


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नई दिल्ली। सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) के तहत अगले छह महीने तक नागालैंड एक ‘‘अशांत क्षेत्र’’ बना रहेगा क्योंकि राज्य की स्थिति ‘‘खतरनाक’’ बनी हुई है। इस महीने की शुरुआत में गलत पहचान के कारण 14 आम नागरिकों की मौत के बाद सशस्त्र बलों को प्राप्त विशेष शक्तियां वापस लेने के लिए बढ़ती मांग के बीच केंद्र का यह कदम सामने आया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा कि अफ्सपा के तहत छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र को 30 दिसंबर से बढ़ा दिया गया है। राज्य 1958 से विवादास्पद अफ्सपा के अधीन रहा है। यह अधिनियम 1942 के ब्रिटिश सशस्त्र बल विशेष अध्यादेश का भाग है।

अफ्सपा की अवधि में विस्तार केंद्र द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल को सदस्य-सचिव के रूप में तथा महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किए जाने के तीन दिन बाद आया है। नागालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तथा असम राइफल्स के महानिदेशक समिति के अन्य सदस्यों में शामिल हैं। समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नगालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।’’ उच्च स्तरीय समिति में सदस्य सचिव गोयल द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘इसलिए सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (1958 की संख्या 28) की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 30 दिसंबर, 2021 से छह महीने की अवधि के लिए पूरे नगालैंड राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करती है।’’

नगालैंड में 14 आम नागरिकों की हत्या को लेकर बढ़े तनाव को शांत करने के लिए इस उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। जनआक्रोश को देखते हुए नगालैंड सरकार को 20 दिसंबर को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाना पड़ा, जिसमें विधानसभा ने सर्वसम्मति से अफ्सपा को निरस्त करने की मांग का संकल्प लिया।