सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने को पीएम-केयर कोष में दान पर आयकर मे सौ प्रतिशत कटौती की घोषणा को अध्यादेश के जरिए कानूनी रूप दे दिया है। पूरी दुनिया में संकट के दौरान सरकार ने करदाताओं और कारोबारियों को आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क एवं उत्पाद कर रिटर्न भरने को लेकर छूट देने के लिए इस अध्यादेश की घोषणा की है। इसके अलावा आयकर पर छूट पाने के लिये विभिन्न निवेश और भुगतानों के मामले में राहत देने जैसे तमाम उपायों को कानूनी तौर पर अमलीजामा पहनाने के लिये भी मंगलवार को अध्यादेश जारी किया।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को ‘‘कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश 2020’’ को अपनी स्वीकृति दे दी
गई। इस अध्यादेश के जरिये पीएम केयर्स फंड में दिये गये योगदान पर भी उसी तरह 100 प्रतिशत की कर छूट देने का प्रावधान किया गया है जैसी छूट प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान देने पर मिलती है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘इस लिहाज से पीएम केयर्स फंड में किये गये दान पर आयकर कानून की धारा 80जी के तहत 100 प्रतिशत कर कटौती होगी। पीएम केयर्स फंड में दिये गये दान पर सकल आय की 10 प्रतिशत कटौती की सीमा भी लागू नहीं होगी।’’
वित्त वर्ष 2018- 19 की आयकर रिटर्न
अध्यादेश जारी होने के बाद वित्त वर्ष 2018- 19 की आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने और पैन के साथ आधार पहचान संख्या को जोड़ने की अंतिम तिथि को भी तीन माह के लिये 30 जून तक बढ़ा दिया गया है।
आयकर कानून अध्याय छह ए-बी के तहत धारा 80सी, 80डी, 80जी जिनके तहत क्रमश: बीमा पॉलिसी, पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत पत्र आदि, चिकित्सा बीमा प्रीमियम और दान आदि में किये गये निवेश, भुगतान पर कर कटौती दी जाती है ऐसे निवेशों के लिये भी समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया है। यानी 2019- 20 के दौरानल कर छूट पाने के लिये इनमें अब निवेश 30 जून तक किया जा सकेगा।
अध्यादेश के जरिये मार्च, अप्रैल और मई में दी जाने वाली केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की रिटर्न को भी अब 30 जून 2020 तक भरा जा सकेगा। प्रेस रिलीज़ में कहा गया है, ‘‘कराधान और बेनामी अधिनियम के तहत विभिन्न प्रकार की समय सीमा को विस्तार दिये जाने के लिये सरकार 31 मार्च को अध्यादेश लाई है। इन कानूनों के तहत नियमों और अधिसूचनाओं में दी गई समयसीमा के विस्तार के लिये इसमें प्रावधान किया गया है। ’’
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के विवरणों को दाखिल करते समय विस्तार आदि की घोषणाओं को भी इसके साथ ही लागू कर दिया है।