सहारा के निवेशकों को सरकार का भरोसा-लौटाई जाएगी एक-एक पाई


सहकारी राज्य मंत्री बीएल वर्मा बुधवार को इस संबंध में राज्य सभा में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने अपने जवाब में बताया कि सहारा की सहकारी समितियों से रिफंड के लिए करीब 3 करोड़ निवेशकों ने दावा किया है।


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नई दिल्ली। सहारा समूह में करोड़ों निवेशकों के पैसे अटके हुए हैं। सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत के बाद भी कई निवेशकों को उनके पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। इस बीच सरकार ने सभी परेशान निवेशकों को बुधवार को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने सहारा के सभी निवेशकों को एक बार फिर से भरोसा दिलाया है कि उनकी एक-एक पाई लौटाई जाएगी।

सहकारी राज्य मंत्री बीएल वर्मा बुधवार को इस संबंध में राज्य सभा में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने अपने जवाब में बताया कि सहारा की सहकारी समितियों से रिफंड के लिए करीब 3 करोड़ निवेशकों ने दावा किया है। वे सहारा की सहकारी समितियों से 80 हजार करोड़ रुपये के रिफंड की मांग कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सहारा में अटके सभी निवेशकों को एक-एक पैसे का रिफंड मिलेगा।

मंत्री ने बताया कि सरकार सभी निवेशकों के अटके पैसे का रिफंड सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से सरकार मांग करेगी कि उसे सहारा समूह से और फंड मिले, ताकि 3 करोड़ निवेशकों को उनका रिफंड मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहारा की समितियों के निवेशकों का रिफंड सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की है, जहां निवेशक अपने अटके पैसे को वापस पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सहकारी राज्य मंत्री के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सहारा रिफंड पोर्टल पर अब तक 80 हजार करोड़ रुपये के रिफंड के लिए 3 करोड़ निवेशकों ने आवेदन रजिस्टर कराया है। हमने 45 दिनों में उन्हें पैसे रिफंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हमें 5 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। हम सहारा समूह से और फंड पाने के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, ताकि सभी निवेशकों को उनका रिफंड मिल सके। सहारा समूह के निवेशकों का एक-एक पैसा लौटाया जाएगा।

मंत्री ने ऊपरी सदन को ये भी बताया कि अब तक कई निवेशकों को उनका रिफंड मिल भी चुका है। उन्होंने कहा कि जो भी निवेशक सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए प्रक्रिया के तहत आवेदन करेंगे, उन्हें उनका पैसा जरूर मिलेगा। मंत्री ने बताया कि अभी शुरुआत में छोटे निवेशकों को रिफंड मिल रहा है। रिफंड की शुरुआत 10-10 हजार रुपये के साथ की गई है।