
मुम्बई। कहां उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म होगा तो अपने घर जाकर माता-पिता औप बीबी बच्चों से मिलेगे और कहां इन हजारों प्रवासी मजदूरों की उम्मीद पर पुलिस की लाठियां बरस पड़ी। कोरोना महामारी के कारण गत 14 दिनों से लगे लॉकडाउन के बुधवार को खत्म होने की उम्मीद लिए देश हजारों प्रवासी कामगार मुम्बई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। जिसके बाद वहां हजारों की भीड़ इकट्टी हो गई। शहर के विभिन्न हिस्सों से एक-एक करके आए इन प्रवासियों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि वहां लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा।
ये प्रवासी मजदूर मुम्बई के अगल-अलग हिस्सों से एक-एक करके इकठ्ठे हुए थे जिसके कारण इन पर सरकार की भी निगाह भी नहीं पड़ी और जहां जुटने पर एक बड़ा हुजुम बन गया। वहीं इतनी तादाद में लोगों के इकट्ठा होने और पीएम मोदी के लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने के ऐलान और इसको और अधिक कड़ाई से पालन करनेवाने के आदेश के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए जिसके बाद इनको भगाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।
खबरों के मुताबिक पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ हट गई। स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। उन्होंने कहा कि हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन से मजदूरों को हटा दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में सूरत में कुछ मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर दंगा